पटना (आर्यावर्त डेस्क) 9 जून, किसानों के राष्ट्रव्यापी गांवबंदी आंदोलन के अंतिम दिन 10 जून को भारत बंद का आह्वान किया गया है. इसके समर्थन में अखिल भारतीय किसान महासभा ने बंद के समर्थन में पटना में एकजुटता मार्च निकालने का फैसला किया है. संगठन के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व विधायक राजाराम सिंह ने कहा है कि आज पूरे देश में किसान अपने सवालों पर लेकर कई दिनों से आंदोलनरत हैं लेकिन मोदी सरकार उनके सवालों के प्रति हद दर्जे की उपेक्षा अपना रही है. केंद्र व पटना की सरकार की इस उदासीनता हम तीव्र भत्र्सना करते हैं. किसानों की मांग है कि उनके सभी प्रकार के कर्जे माफ होने चाहिए, फसल की लागत का कम से कम ड्योढ़ा दाम मिलना चाहिए और उनकी फसल की खरीद की गारंटी होनी चाहिए. फसल खरीद न होने के विरोध में किसान लगातार आंदोलन चला रहे हैं लेकिन सरकार ने इस पर अब तक किसी भी प्रकार का नोटिस नहीं लिया है.
आज देश के विभिन्न हिस्सों से किसानों की आत्महत्या की खबरें मिल रही हैं. इसके पूर्व भी अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर से पूरे देश में किसानों के सवाल पर यात्रायें निकाली गई थीं लेकिन मोदी सरकार पर कोई असर नहीं पड़ा. उलटे केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह गैर जिम्मेवाराना बयान देते रहते हैं. उन्होंने अपने हालिया बयान में कहा है कि अपना चेहरा चमकाने के लिए किसान आंदोलन कर रहे हैं. यह जले पर नमक छिड़कना है. राजाराम सिंह ने आगे कहा कि बिहार सरकार भी किसानों के प्रति अव्वल दर्जे की संवेदनहीन है. धान की तरह आज किसानों की गेहूं खरीद भी नहीं हो रही है. किसान हर जगह परेशान हैं. मक्का उत्पादक किसान हों या केला उत्पादक, सब आत्महत्या की दिशा में बढ़ रहे हैं. बटाईदारों को तो सरकार किसान मानने को तैयार नहीं है. जबकि शिकमी बटाईदारों को उनके पुश्तैनी हक से लगातार बेदखल किया जा रहा है. कल किसानों के भारत बंद के समर्थन में 11 बजे बुद्धा स्मृति पार्क (रेलवे स्टेशन परिसर) से एकजुटता मार्च का आयोजन होगा. अखिल भारतीय किसान महासभा सभी किसान संगठनों व न्यायप्रिय नागरिकों से इस मार्च में शामिल होने की अपील करता है.
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