आर्यावर्त डेस्क,विजय सिंह ,5 जून, 2018, बुल्गारिया की राजधानी सोफ़िया स्थित सोफ़िया यूनिवर्सिटी में मीडिया और हमारा भोजन विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. "मीडिया हमारे लिए क्या पकाता है " के परिदृश्य में आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए युवा पत्रकारों की टोली और पोषण विशेषज्ञों ने इस बात पर चर्चा की कि कैसे मीडिया हमारे प्रतिदिन के आहार व्यवहार को प्रभावित करता है. सोफ़िया की चिकित्सा अकादमी और यूरोपियन पोषण सलाहकार प्रोफ़ेसर रिबारोवा ने इस बात पर जोर दिया कि कोई भी भोजन तब तक नुकसानदेह नहीं होता जब तक कि उसको सही अनुपात या सही मिश्रण के विपरीत न ग्रहण किया जाये. सुश्री रिबारोवा ने कहा कि विभिन्न देशों के रहन सहन ,भौगोलीय वातावरण और मौसम का असर भी मानव के खान पान पर प्रभावी होता है और उसके अनुरूप ही भोजन का स्वरुप तय है. समाज को सही भोजन ,सही तकरीके से ग्रहण करने, खाद्य पदार्थों के मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल या अनुकूल असर से लोगों को परिचित कराने की जिम्मेदारी मीडिया की भी है और इसके लिए पत्रकारों को खाद्य ,पोषण,स्वाथ्य के क्षेत्र में भी प्रशिक्षित होना होगा,क्योंकि बढ़ते बाजारवाद से मीडिया रिपोर्टिंग से आहार व्यव्हार भी प्रभावित होता है.बुल्गारिया प्रेसीडेंसी में सेवा देने वाली लॉरा कैटरिंग की प्रबंधक एना बोरिसोवा ने बताया कि उनकी कंपनी और सहयोगी प्रायः मीडिया में प्रकाशित विभिन्न मेनू से प्रभावित होते हैं. सोफ़िया विश्वविद्यालय में रेडियो और संचार की एसोसिएट प्रोफेसर मनुएला मनलिहार ने लाइव आर्यावर्त को बताया कि इस कार्यशाला में उपस्थित सभी अतिथि एवंम प्रतिभागियों ने एक स्वर से इस बात की पुष्टि की कि बढ़ते उपभोक्तावाद और बाजारवाद के मद्धेनजर आहार व्यवहार में मीडिया में प्रसारित खाद्य विवरणों को स्वीकृत करने से पहले उसके प्रभावों की परख कर लेनी चाहिए.
मंगलवार, 5 जून 2018
सोफ़िया में मीडिया और भोजन विषय पर कार्यशाला संपन्न
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