लखनऊ, 28 जुलाई , प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ‘भागीदार’ वाली हाल की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए आज कहा कि वह इस इल्जाम को ‘इनाम’ मानते हैं और उन्हें देश के गरीबों के दुख का भागीदार होने पर गर्व है। प्रधानमंत्री ने यहां स्मार्ट सिटी, अमृत तथा प्रधानमंत्री आवास योजनाओं की तीसरी वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में राहुल गांधी द्वारा पिछले दिनों संसद में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान लगाये गये ‘भागीदार’ सम्बन्धी आरोप का जवाब देते हुए कहा, ‘‘इन दिनों मुझ पर एक इल्जाम लगाया गया है कि मैं चौकीदार नहीं, भागीदार हूं.... लेकिन देशवासियों मैं इस इल्जाम को इनाम मानता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे गर्व है कि मैं भागीदार हूं। मैं देश के गरीबों के दुखों का भागीदार हूं। मेहनतकश मजदूरों के दुखों और हर दुखियारी मां की तकलीफों का भागीदार हूं। मैं उस हर मां के दर्द का भागीदार हूं जो लकड़ियां बीनकर घर का चूल्हा जलाती है। मैं उस किसान के दर्द का भागीदार हूं जिसकी फसल सूखे या पानी में बर्बाद हो जाती है। मैं भागीदार हूं, उन जवानों के जुनून का, जो हड्डी गलाने वाली सर्दी और झुलसाने वाली गर्मी में देश की रक्षा करते हैं।’’ मोदी ने कहा कि वह गरीबों के सिर पर छत दिलाने, बच्चों को शिक्षा दिलाने, युवाओं को रोजगार दिलाने और हवाई चप्पल पहनने वालों को हवाई यात्रा कराने की हर कोशिश के भागीदार हैं।
उन्होंने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘गरीबी की मार ने मुझे जीना सिखाया है। गरीबी का दर्द मैंने करीब से देखा है। मगर जिसके पांव फटे ना बिवाई, वह क्या जाने पीर पराई।’’ उल्लेखनीय है कि राहुल ने गत 20 जुलाई को लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री पर कुछ उद्योगपतियों के लिये काम करने का इल्जाम लगाते हुए भ्रष्टाचार में ‘भागीदार‘ होने का आरोप लगाया था। प्रधानमंत्री ने कहा,‘‘इससे पहले, मुझ पर यह भी इल्जाम लगाया गया कि मैं चाय वाला देश का प्रधान सेवक कैसे हो सकता हूं। स्मार्ट सिटी के लिये हमारे पास प्रेरणा के साथ-साथ पुरुषार्थ करने वाले लोग भी थे, लेकिन राजनीतिक इच्छा शक्ति और सम्पूर्णता की सोच के अभाव ने बड़ा नुकसान किया।’’ देश के बेतरतीब शहरीकरण के लिये कांग्रेस को दोषी ठहराते हुए मोदी ने कहा कि आजादी के बाद जब राष्ट्र निर्माण की बारी थी, तब आबादी का इतना दबाव भी नहीं था। अगर उसी वक्त योजना बनाकर काम किया होता तो वैसी दिक्कतें नहीं होती जैसी आज हैं। आबादी को बेतरतीब फैलने दिया गया। कंक्रीट का जंगल बनने दिया। आज इसका परिणाम पूरा देश भुगत रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आबादी का वह हिस्सा, जिसकी जीडीपी में 65 प्रतिशत हिस्सेदारी है, अगर वह अव्यवस्थित रहे तो उससे होने वाली कठिनाइयों का अंदाजा हम आसानी से लगा सकते हैं। ये समस्याएं 21वीं सदी के भारत को परिभाषित नहीं कर सकतीं। हमने इन समस्याओं को खत्म करने के लिये देश के 100 शहरों को चुना। उन्हें दो लाख करोड़ के निवेश के जरिये स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किया जाएगा। विकास भी ऐसा कि जहां शरीर नया हो, मगर आत्मा वही हो।’’ उन्होंने कहा कि शहर के गरीब, बेघर को पक्का घर देने का अभियान हो, 100 स्मार्ट सिटी या 500 अमृत सिटी हो, करोड़ों भारतीयों के जीवन को सरल सुगम बनाने का हमारा संकल्प आज और भी मजबूत हुआ है। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत देशभर में 60 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की योजनाओं पर काम पूरा हो चुका है और 52 हजार करोड़ की योजनाओं पर काम तेजी से चल रहा है।
मोदी ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को बधाई देते हैं कि वह गरीबों के जीवन स्तर को उठाने वाली योजनाओं को तेजी से आगे बढ़ा रही है। वर्ष 2014 से लेकर योगी सरकार के आने तक गरीबों के घर के लिये हमें उस वक्त की सरकार से आग्रह करना पड़ता था। वे लोग ही ऐसे थे और वे अपनी कार्य परम्परा छोड़ने को तैयार नहीं थे। उनका एकसूत्री कार्यक्रम अपने बंगले को सजाना और संवारना ही था। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी याद किया और कहा कि लखनऊ लम्बे समय तक वाजपेयी का संसदीय क्षेत्र रहा है। उन्होंने लखनऊ को देश के शहरी जीवन के सुधार की प्रयोगशाला बनाया था। यहां बने ओवरब्रिज, कन्वेंशन सेंटर जैसे तमाम काम एक सांसद के रूप में उनके विजन का परिणाम हैं। मोदी ने कहा कि देश में दिल्ली मेट्रो के रूप में इस अत्याधुनिक परिवहन योजना को जमीन पर उतारने का काम भी वाजपेयी ने ही किया था। दिल्ली मेट्रो की सफलता आज पूरे देश में दोहरायी जा रही है। वाजपेयी ने कहा था कि ‘बिना पुराने को संवारे, नया भी नहीं संवरेगा।’ इसी सोच के तहत आज अनेक शहरों में दशकों पुरानी व्यवस्था को सुधारा जा रहा है। वाजपेयी ने ही गरीबों को आवास देने की शुरुआत ‘वाल्मीकि आंबेडकर आवास योजना’ के तहत की थी। आज की योजनाओं का मूल भावना वही है, लेकिन हम इसे एक अलग स्तर पर ले जाने की योजना बना रहे हैं। मोदी ने कहा कि गुजरे तीन वर्षों में देश के शहरी इलाकों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 54 लाख मकान स्वीकृत किये जा चुके है। गांवों में भी एक करोड़ से अधिक मकान जनता को सौंपे जा चुके हैं। आज जो मकान बन रहे हैं, उनमें शौचालय भी है। सौभाग्य योजना के तहत बिजली और उजाला योजना के तहत एलईडी बल्ब भी मिला है। यानी एक पूरा पैकेज मिल रहा है। सरकार ब्याज में राहत तो दे ही रही है, घरों का एरिया भी बढ़ा दिया गया है। यह महिलाओं के सशक्तिकरण का जीता जागता सबूत भी है।
उन्होंने कहा कि आज कोई बिल भरने या किसी योजना के लिये आवेदन करने की ऑनलाइन व्यवस्था हैं। इनसे पारदर्शिता बढ़ी है और भ्रष्टाचार में बहुत कमी आ रही है। इससे देश के करोड़ों लोगों के जीवन में परिवर्तन लाया जा रहा है। यह सेवाएं सबके लिये हैं। इनमें ऊंच-नीच, पंथ, सम्प्रदाय, छोटे-बड़े का कोई भेद नहीं है। सिर्फ और सिर्फ विकास ही मंत्र है। ‘सबका साथ, सबका विकास’ और टीम इंडिया की भावना एक न्यू इंडिया के संकल्प को सिद्ध करने वाली है। मोदी ने कहा कि देश में एक ईमानदारी का माहौल बना है। अब पहले से ज्यादा लोग कर (टैक्स) देने के लिये आगे आये हैं। चूंकि उन्हें मालूम है कि उनके कर की पाई-पाई विकास योजनाओं पर खर्च होगी, बंगलों पर नहीं, तो वह टैक्स देने को तैयार हैं। मोदी ने इस मौके पर रिमोट का बटन दबाकर विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के हर राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेश के एक-एक लाभार्थी से संवाद भी किया। कार्यक्रम को केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सम्बोधित किया। पुरी ने कहा कि 25 जून, 2015 भारत के शहरीकरण और विकास के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा। फ्लैगशिप योजना प्रधानमंत्री आवास योजना और स्मार्ट सिटी मिशन का इसी दिन उद्घाटन किया गया था। ये योजनाएं सफलता के रास्ते पर हैं। इसके और भी कारण हैं। बहुत वर्षों के बाद मोदी के नेतृत्व में शहरीकरण को न सिर्फ एक चुनौती बल्कि अवसर मानकर इसे 'विनविन सिचुएशन' में बदला गया है।
राजनाथ सिंह ने कहा, 'हम लोग तीन योजनाओं ... स्मार्ट सिटी, अमृत योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना की तीसरी वर्षगांठ मना रहे हैं। हम विकास पर्व मना रहे हैं, यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी। जिसे विश्वास नहीं हो वह नजदीक से आकर देख सकता है। 2022 तक नये भारत के निर्माण का सपना साकार होकर रहेगा।’’ योगी ने कहा,‘‘ जब हम शहरी आबादी की बात करते हैं तो उत्तर प्रदेश में 21 प्रतिशत आबादी शहरों में रहती है, जो राष्ट्रीय औसत 31 प्रतिशत से कम है लेकिन देश में सबसे ज्यादा 653 नगर निकाय उत्तर प्रदेश में हैं। इनमें अनियोजित और अनियंत्रित विकास के लिये एक मार्गदर्शक योजना की जरूरत थी। इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी, अमृत योजना और स्मार्ट सिटी को नियोजित सोच के जरिये आगे बढ़ाकर आने वाले समय में हम अपने शहरी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध कराया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा,‘‘ दो अक्तूबर से हम डिस्पोजबल प्लास्टिक को भी राज्य में प्रतिबंधित कर देंगे। उसके बेहतर विकल्प को हमने देना शुरू किया है।’’
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