मिशनरीस ऑफ चैरिटी की परमाधिकारिणी सि. मेरी प्रेमा ने कहा कि धर्मबहनें बाल तस्करी में शामिल नहीं हैं। भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के महासचिव धर्माध्यक्ष थेओदोर मसकरेनहास ने इस मामले में अपना विचार प्रस्तुत किया
वाटिकन सिटी। मिशनरी ऑफ चैरिटी (एम सी), की धर्मबहन कोनसिलिया एवं राँची स्थित निर्मल हृदय निवास में अविवाहित मदर अनुभाग में कार्यरत स्टाफ अनिमा इंदवार को एक बच्चे को बेचने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने धर्मबहनों के सभी समुदायों में छापा मारने का आदेश दिया। गिरफ्तारी 4 जुलाई को, एक भारतीय दम्पति द्वारा एक बच्चे के लिए 120,000 रूपये चुकाने की शिकायत पर की गयी।
सि. प्रेमा का आधिकारिक बयान
मिशनरी ऑफ चैरिटी की सुपीरियर जेनेरल सिस्टर प्रेमा ने मंगलवार को एक प्रेस विज्ञाप्ति जारी कर कहा कि नवजात शिशु की बिक्री "मिशनरिस ऑफ चैरिटी धर्मसमाज से कोई तालुक नहीं रखता।" उन्होंने कहा, "तत्काल घटित घटना के प्रति हमें अत्यन्त दुःख एवं खेद है। हम अपना पूरा विश्वास न्यायिक प्रक्रिया में रखते हुए जो घटना हुई, उसके प्रति दुःख और खेद प्रकट करते हुए, स्पष्ट शब्दों में उन सभी व्यक्तिगत कार्यों की भी निंदा करते हैं जिनका मिशनरी ऑफ चैरिटी धर्मसमाज से कोई तालुक नहीं है।" सि. प्रेमा ने कहा कि इसी प्रसंग में अनेक काल्पनिक अफवाह, विकृत जानकारी और बेबुनियाद झूठा समाचार फैलाया जा रहा है जो वास्तव में मदर टेरेसा की धर्मबहनों को बदनाम करने का एक षडयंत्र मालूम पड़ता है।
सच्चाई
अपने प्रेस विज्ञाप्ति में सिस्टर प्रेमा ने बतलाया है कि 1 मई 2018 को निर्मल हृदय निवास में अविवाहित माँ करिश्मा टोप्पो ने एक बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद घर के रजिस्टर में घोषणा किया कि वह उस बच्चा को सी डब्ल्यू सी (चाईल्ड वेलफेर समिति) को सौंप देगी। अतः अनिमा इंदवार, करिश्मा टोप्पो और अभिभावक बच्चे को सौंपने के लिए सी डब्ल्यू सी ले गये।
सि. प्रेमा ने गौर किया कि इस प्रक्रिया में न ही निर्मल हृदय या अन्य धर्मबहनें पता लगा पाये कि बच्चे को वास्तविक रूप से सी डब्ल्यू सी में सौंपा गया या नहीं, क्योंकि सी डब्ल्यू सी प्रायोगिक रूप से किसी बच्चे को उनके अविवाहित मां से गोद लेने के बाद स्वीकृति पत्र नहीं देती है। 3 जुलाई को जब अनिमा इंदवार सी डब्ल्यू सी के द्वारा जाँच के लिए बुलाई गई तो उसने स्वीकार किया कि करिश्मा का बच्चा सी डब्ल्यू सी को नहीं सौंपी गई थी। बाद में पता चला कि बच्चे को गोद लेने वाले दम्पति ने 120,000 रूपये चुकाये थे जिसमें से 20,000 इंदवार ने, 10,000 दरवान ने तथा 90,000 करिश्मा ने अपनी पढ़ाई के खर्च के लिए लिया था। दूसरे दिन सिस्टर कोनसिलिया जो अविवाहित मदर अनुभाग की अध्यक्ष हैं तथा निर्मल हृदय की सुपीरियर सिस्टर मेरी देने को गिरफ्तार कर लिया गया, बाद में सि. मेरी देने को रिहा कर दिया गया।
मदर टेरेसा एवं कलीसिया की बदनामी
भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के महासचिव एवं राँची के सहायक धर्माध्यक्ष विशप थेवदोर मसकरेनहास ने कहा कि राँची के निर्मल हृदय केंद्र में जो हुआ वह दुःखद, निंदनीय एवं अस्वीकार्य है। उन्होंने मिरार नौव टी वी चैनल को बतलाया कि मिशनरी ऑफ चैरिटी धर्मसमाज किसी भी तरह से इसमें शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि निहित स्वार्थ के कारण मदर टेरेसा एवं काथलिक कलीसिया को बदनाम करने के लिए मामले का दुरूपयोग किया जा रहा है।
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