- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धनरूआ में 3 अगस्त से मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना
- युद्ध स्तर पर लोग तैयारी करने में जुटे
- 25 अप्रैल 2016 से नीचे वाली लड़की बच्ची को ही योजना से लाभ
पटना।अब परिजन लड़की बच्ची को जन्म देने में नाक-मुंह नहीं सिकुड़ेंगे। सी.एम.नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना बनाकर लड़की बच्चियों पर तवज्जों देना शुरू कर दिया है। इससे परिजन काफी खुश हैं। अब परिजनों को बच्चियों को भी जन्म देने में गर्व होगा। कारण बिहार सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना बनाकर लड़की बच्ची को सम्मानित कर रही है।इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग, समेकित बाल विकास परियोजना आदि से जुड़े लोग योजना को सफल बनाने में जुड़ गये हैं। बता दें कि लिंग अनुपात में लड़कियों की संख्या कम होती जा रही है। इसके आलोक में लड़की बच्ची को बचाने की कवायद की जा रही है। इसमें परिजनों की जवाबदेही बढ़ा दी गयी है।उनको कुछ नियम को पालन करना ही पड़ेगा। परिजन को अव्वल सुरक्षित प्रसव करवाने में दिलचस्पी लेना होगा।उनको किसी अस्पताल/प्राथमिक स्वास्थय केन्द्र में जाकर प्रसव करवाना चाहिए।उनको प्रसव के बाद मातृत्व लाभ योजना से लाभ मिलेगा। जन्म प्रमाण पत्र मिलेगा। कुछ टीका भी मिलेगा।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 3 अगस्त से लागू होगा
निर्धारित तिथि है 25.04.2016। इस तिथि के बाद से जन्म लेने वाली लड़की बच्ची को लाभ मिलेगा। दो साल ही निर्धारित है। हां बिहार सरकार ने लड़कियों के समग्र विकास के लिए पहली बार एक विशेष योजना शुरू की है, जिसका नाम 'मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना' है। इसमें बाल-विवाह को रोकने के लिए प्रोत्साहन राशि देने के प्रावधान के साथ ही लड़कियों को उच्च शिक्षा की तरफ प्रेरित करने का भी प्रावधान किया गया है।इसके अंतर्गत इंटर पास करने वाली अविवाहित लड़कियों को 10 हजार और ग्रेजुएट पास लड़कियों को 25 हजार रुपये दिया जायेगा। इस नयी योजना में अन्य कई तरह के विशेष फायदे भी पूरी तरह से महिलाओं को ध्यान में रखते हुए शुरू की गयी है।
इस योजना की ये खास बातें
मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत सूबे में किसी जाति, संप्रदाय और धर्म की कन्या के जन्म लेने पर उसे दो हजार रुपये दिये जायेंगे। ये पैसे अभिभावक के बैंक खाते में दिये जायेंगे। ये रुपये अभी भी खाते में दिये जाते हैं। इसके अलावा कन्या के एक वर्ष होने पर आधार से जोड़ने या उसका आधार कार्ड बनवा लेने पर एक हजार रुपये खाते में ट्रांसफर होंगे। बच्ची की उम्र दो वर्ष होने और टीकाकरण पूर्ण करा लेने पर फिर से दो हजार रुपये अभिभावक के खाते में चले जायेंगे। इस तरह जन्म से लेकर दो वर्ष होने तक अभिभावक के खाते में पांच हजार रुपये ट्रांसफर हो जायेंगे। इसके अलावा लड़की अविवाहित रहते हुए इंटर पास कर लेती है, तो उसे 10 हजार रुपये दिये जायेंगे। इसका मुख्य मकसद बाल-विवाह को रोकना है। इसके अलावा लड़की के स्नातक पास करने पर 25 हजार रुपये दिये जायेंगे, जिससे उच्च शिक्षा की तरफ उनकी रुचि बनी रहे।
योजना का यह मकसद
इस योजना का मुख्य मकसद राज्य में महिला-पुरुष के अंतर को कम करना और लिंग भेद को कम करना है। कन्याओं में मृत्यु दर को कम करने के अलावा वजन में गिरावट और कुपोषण को कम करना है।इसके अलावा सबसे मुख्य बिहार में शिशु मृत्यु दर खासकर बालिका मृत्यु दर को कम करना है। अभी राज्य में शिशु मृत्यु दर 38 है, जिसमें बालक का दर 31 और बालिकाओं की दर 46 है। इस योजना का कार्यान्वयन समाज कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग संयुक्त रूप से करेंगे। प्रत्येक छात्रा को मिलेगी 60 हजार से ज्यादा राशि राज्य सरकार की तरफ से जन्म से लेकर स्नातक तक बालिकाओं के लिए चलने वाली सभी तरह की योजनाओं से प्रत्येक बालिका को 60 हजार रुपये से ज्यादा का लाभ मिलेगा।इन्हें अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से इतने रुपये का लाभ प्राप्त होगा।
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