चेन्नई, 28 जुलाई, रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को उप-सेनाप्रमुख, जनरल देवराज अंबु को स्वदेशी मल्टी-फ्यूल इंजन के दो वेरिएंट सुपुर्द किए, जो सेना के दो युद्धक टैंकों को शक्ति प्रदान करेंगे। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इन इंजनों का निर्माण इंजन फैक्ट्री अवाडी (ईएफए) में किया गया है, जो तमिलनाडु के चेन्नई में है। इसे मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत बनाया गया है। हालांकि ये इंजन रूसी डिजाइन पर आधारित हैं। भारत इंजन के कई जरूरी पुर्जो के लिए रूस पर निर्भर है, जिसमें टर्बोचार्जर, सुपरचार्जर, फ्यूल इंजेक्शन पंप और अन्य पुर्जे शामिल हैं। इन इंजनों का इस्तेमाल टी-90 भीष्म और टी-72 अजेय टैंक में किया जाएगा। अब ईएफए ने इन जरूरी पुर्जो का निर्माण अपने देश में ही करना शुरू कर दिया है। इससे एक टी-90 इंजन पर 33 लाख रुपये तथा एक टी-72 इंजन पर 9.75 लाख रुपये की बचत होगी। ईएफए के महाप्रबंध अनिल कुमार ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में हम सरथ टैंक के लिए यूटीडी-20 इंजन का पूर्ण स्वदेशीकरण करने में कामयाब होंगे। वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान ईएफए ने बख्तरबंद वाहनों के लिए 800 इंजन बनाने का लक्ष्य रखा है।
रविवार, 29 जुलाई 2018
सीतारमण ने स्वदेशी टैंक इंजन सेना को सुपुर्द किया
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