अब बीएचयू में सबको मुफ्त मिलेगी दवाईयां - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 19 जुलाई 2018

अब बीएचयू में सबको मुफ्त मिलेगी दवाईयां

मेडिकल सुपरीटेंडेंट (एमएस) की कमान मिलने के बाद प्रो. वीएन मिश्र ने दाव किया है कि अस्पताल में मुफ्त दवाईयां व तीमारदारों को मुफ्त भोजन मुहैया कराना उनकी प्राथमिकता है 
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वाराणसी (सुरेश गांधी) । न्यूरोलॉजी विभाग, बीएचयू के पूर्व अध्यक्ष प्रो. वीएन मिश्र को सर सुंदरलाल चिकित्सालय की कमान सौंपी गई है। कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने यह नियुक्ति की है। संयुक्त कुलसचिव की ओर से इस आशय का नोटिफिकेशन मिलते ही बधाई देने वालों का ताता लग गया। प्रो. विजयनाथ मिश्र आईएमएस बीएचयू के विद्यार्थी रहे और न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख भी रह चुके है। सार्वजनिक सारोकारों से इनका गहरा नाता है। मंगलवार शाम को पदभार ग्रहण करते ही उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वे दलाली पूरी तरह खत्म करेंगे। प्रो. मिश्र ने कहा कि उनकी प्राथमिकता में सभी मरीजों को एक साल के अंदर पूरी दवा मुफ्त में उपलब्ध कराना, बेहतर इलाज और मरीजों को सुविधा मुहैया कराना है। अपील भी है कि अस्पताल में मरीजों और तीमारदारों को अगर कोई असुविधा होती है तो वह कार्यालय को सुझाव और शिकायत भेज सकते हैं। न्यूरोलाजिस्ट प्रो. विजय नाथ मिश्र सर सुन्दर लाल चिकित्यालय, बीएचयू के 32 वें चिकित्सा अधीक्षक के रुप में नियुक्त किए गए है। बातचीत में श्री मिश्र ने बताया कि बीएचयू के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में अभी भर्ती मरीजों को ही भोजन मिलता था, अब उनके तीमारदारों को भी खाने की मुफ्त सुविधा मिलेगी। प्रो. वीएन मिश्र ने बताया कि जो मरीज या उनके परिजन रात में ओपीडी के बाहर रहते हैं उनको बुधवार की रात से फ्री में भोजन शुरू कर दिया गया। इसके साथ ही मरीजों के तीमारदारों के ठहरने के लिए भी जल्द टिन शेड की व्यवस्था की जाएगी, ताकि वे धूप, बारिश और ठंड से बच सकें। उन्होंने कहा कि अस्पताल में एक खुफिया तंत्र निरंतर निगरानी रखेगा। जो चिकित्सक या कर्मचारी ऐसे मामलों में संलिप्त पाए जाएंगे उनपर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। इस बारे में कुलपति से भी बात हो गई है। कुलपति की ओर से स्पष्ट किया गया है कि जो भी भ्रष्टाचार में संलिप्त दिखे उसे सबूत के साथ तुरंत चीफ प्राक्टर को सौंपा जाए। कर्मचारियों-विद्यार्थियों से अपील की, कि मरीजों एवं उनके तीमारदारों की पूरी ईमानदारी से निःस्वार्थ सेवा करें। बता दें, मरीजो में जागरूकता फैलाने और उसके इलाज के लिए कई फिल्में भी बनाई है। लकवा बिमारी को लेकर उनकी फिल्म ‘फिर वही दिन’ नोबेल संग्रहालय तक पहुंची। इसके पूर्व मिर्गी पर आधारित फिल्म ‘एक नया दिन’ मिर्गी मरीजों के लिए लाभप्रद साबित हुई। 

गौर करने वाली बात है कि बीएचयू के न्यूरोलाजी विभाग के प्रो. विजयनाथ मिश्र की ओपीडी के दिन और सामान्य दिनों में भी उनके चैंबर में मरीजों की भीड़ रहती है। प्रो. मिश्र ने मिर्गी के खिलाफ जागरूकता अभियान बैगनी-बनारस के नाम से चला रखा है। गांव-गांव में जाकर यह बताते हैं कि मिर्गी वंशानुगत अथवा किसी शैतानी शक्ति की खुराफात नहीं है। झाड़-फूंक इसका इलाज नहीं है, यह बताने के लिए अक्सर दूरस्थ गांवों में झुग्गी-झोपड़ियों में जाते हैं। इतवार की उनकी छुट्टी अमूमन भ्रमित मिर्गी रोगियों और उनके परिजनों को जागरूक करने में गुजरती है। उन्हें जब भी यह पता चलता है कि फलां गांव में मिर्गी का एक मरीज अरसे से परेशान है। परिजन झाड़-फूंक के फेर में पड़कर उसके जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, प्रो. मिश्र अपने विभागीय कार्य के बाद मिले समय में उस ओर निकल पड़ते हैं। उनकी कोशिश गांववालों को मिर्गी के प्रति फैले अंधविश्वास को समाप्त करना और हालात के हिसाब से चिकित्सा सुविधा मुहैया कराना होता है। प्रो. मिश्र की इस पहल ने हजारों परिवारों के बेवक्त बुझ रहे चिराग को जीवन दिया है। मालूम हो कि डा. ओपी उपाध्याय का कार्यकाल पूरा होने पर आइएमएस निदेशक प्रो. वीके शुक्ला को तीन जुलाई से सर सुंदरलाल अस्पताल का प्रभारी एमएस बनाया गया था। प्रो. मिश्र को कार्यभार आईएमएस निदेशक प्रो. वीके शुक्ल और पूर्व सीएमएस डॉ. ओपी उपाध्याय ने ग्रहण कराया। 

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