नई दिल्ली, 4 जुलाई, आतंकवादी गतिविधियों के लिए युवाओं को उकसाने के आरोप में भारतीय एजेंसियों द्वारा वांछित विवादास्पद इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाईक ने बुधवार को कहा कि वह तबतक भारत नहीं लौटेगा, जबतक उसे निष्पक्ष सुनवाई को लेकर आश्वस्त नहीं किया जाता। गैर सरकारी संगठन, इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के संस्थापक ने एक बयान में कहा, "मेरे भारत आने की खबर पूरी तरह आधारहीन और झूठी है। मैं जबतक अनुचित सुनवाई से खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करूंगा, तबतक मेरे भारत लौटने की कोई योजना नहीं है। जब मैं यह महसूस करूंगा कि सरकार उचित और निष्पक्ष है, मैं निश्चित ही अपने देश लौटूंगा।' राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि नाईक की भारत लौटने के बारे में कोई सूचना नहीं है। नाईक पर भड़काऊ भाषण के जरिए नफरत फैलाने, समुदायों में दुश्मनी को बढ़ावा देने और आतंकवाद का वित्तपोषण करने का आरोप है। नाईक के भारत लौटने की अफवाह कुछ भारतीय समाचार चैनलों ने मलेशियाई सरकार के सूत्रों का हवाला देकर फैलाई, जिसमें कहा गया है कि 51 वर्षीय प्रचारक को बुधवार रात भारत निर्वासित किया जा सकता है।
गुरुवार, 5 जुलाई 2018
निष्पक्ष सुनवाई का आश्वासन मिलने तक भारत नहीं लौटूंगा : जाकिर नाईक
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