नेपाल के समक्ष रेल सुरक्षा की समस्या
जयनगर/मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 04 जुलाई, : भारत सरकार के द्वारा बनाये जा रहे रेल प्रोजेक्ट के तहत जयनगर से जनकपुर 85 किमी की बड़ी रेल लाइन का कार्य तेजी से चल रहा है. अभी तक जयनगर से जनकपुर भाया कुर्था तक रेल लाइन, भवन निर्माण, पटरी बिछाने, स्टेशन भवन, स्टॉफ क्वाटर, छोटी-बड़ी पुल का 90 प्रतिशत कार्य लगभग पूरा हो गया है. सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो इस साल के अंत तक नेपाल की एक मात्र रेल सेवा चालू हो सकती है. मगर नेपाल सरकार के पास बड़ी रेल लाइन का न तो कोई रेल स्टाफ, न ही ट्रेन चलाने का ड्राइवर, न ही सफाई न ही ट्रेन रख-रखाव का इंतजाम, साथ ही ट्रेन के इंजन के लिये पेट्रोलियम पदार्थ के भंडारण की कोई ठोस व्यवस्था, कर्मचारी, न वाशिंग पिट, न ही सुरक्षा के कोई ठोस इंतजाम, ऐसे में ट्रेन कैसे चलेगी. इन सभी बातो को लेकर भारत एवं नेपाल सरकार के उच्य अधिकारियों की बैठक काठमांडु मे हुई. मगर कोई ठोस नतीजा नहीं निकला. वहीं जयनगर से जनकपुर रेल निर्माण कर रहे एजेंसी की माने तो जयनगर को छोड़ कर जनकपुर के बीच पड़ने वाले स्टेशन एवं हाल्ट इनरवा, खजूरी, बैधही, परवाह, महिन्थपुर पर बिजली नहीं होने के कारण इन जगह पर एलेक्ट्रोनिक सिग्नल अन्य मशीनों का चलना नामुकिन है. वहीं इन स्टेशन पर आने के लिये सड़क मार्ग नहीं है. जिसे आने वाले समय मे यात्री को आने-जाने में दिक्कत हो सकती है. वहीं सुरक्षा के कोई ठोस इंतजाम नहीं है. जिसे यात्रिओं के जान माल की रक्षा हो सके. सनद रहे कि जब भारत की रेल एजेंसी इरकॉन ने नेपाल में बड़ी रेल लाइन का कार्य शुरू भी नहीं किया था, तब उस समय के पुरानी नेपाल सरकार ने नेपाली छोटी रेल लाइन विभाग को भंग कर दिया था. उसके बाद से आज तक भंग है. बहरहाल रेल सूत्रों की माने जब तक भारत की रेल सुरक्षा विभाग जब तक रेल परिचलन के हर पहलू की जांच करके भारत सरकार को सौपेंगी तब तक भारत-नेपाल समझौता एक्सप्रेस शुरू नहीं किया जा सकता.
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