त्रिपुरा में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने का विचार होगा: जिष्णुदेब बर्मन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 7 जुलाई 2018

त्रिपुरा में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने का विचार होगा: जिष्णुदेब बर्मन

त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में एनयूजेआई की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शहीद भगत सिंह युवा आवास के सभागृह में शुरू हुई। बैठक का उदघाटन मुख्य अतिथि त्रिपुरा के डिप्टी सीएम जिष्णुदेब बर्मन ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। बैठक में दिवंगत पत्रकार साथियों के लिए दो मिनट मौन धारण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। महासचिव शिव कुमार अग्रवाल ने रांची कार्यकारिणी की बैठक का संक्षिप्त विवरण और रिपोर्ट पेश किया, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रज्ञानंद चौधरी, उपाध्यक्ष विवेक जैन, भूपेन गोस्वामी, संदीप मलिक, शिवा कुमार, राष्ट्रीय समन्वयक प्रसन्न मोहंती, त्रिपुरा इकाई के प्रदेश अध्यक्ष आशीष चौधरी, प्रदेश महासचिव प्रशान्ता चक्रवर्ती, राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य सुभाष दास, राजीव नयनम, मनोज मिश्र, धीरेन्द्र चौबे, भास्कर रेड्डी व दलिम फुकन समेत देश भर कई पत्रकार हिस्सा ले रहे है।
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अगरतला (धीरेन्द्र चौबे) : त्रिपुरा के डिप्टी सीएम जिष्णुदेब बर्मन ने कहा कि सरकार पत्रकारों की सुरक्षा के प्रति गंभीर है। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) की डिमांड पर सरकार जर्नलिस्ट्स प्रोटेक्शन एक्ट पर विचार करेगी। त्रिपुरा में पत्रकारों को पूरी सुरक्षा दी जाएगी। वह यहां शहीद भगत सिंह युवा आवास के सभागृह में आयोजित एनयूजेआई की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के उदघाटन सत्र में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा खंभा है इसलिए हमारी सरकार पत्रकारों की आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा की दिशा में काम कर रही है। प्रदेश में उनकी नई सरकार बनने के बाद अब तक सौ दिनों में प्रदेश में पत्रकारिता के लिए बेहतर माहौल बनाने के लिए काम हुए हैं। सरकार ने पूर्व में हुए पत्रकारों की हत्या जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया है। पत्रकारों की पेंशन राशि एक हजार से बढ़ाकर दस हजार रुपए कर दिया गया है। हमारी सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे सबका साथ सबका विकास पर विश्वास करते हुए काम कर रही है। छोटे अखबारों को भी मदद देने की योजना बनायी जाएगी। एनयूजेआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रज्ञानंद चौधरी ने कहा कि साफ सुथरी और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए बेहतर और सुरक्षा का वातावरण जरूरी है। बिना सुरक्षा की गारंटी के पत्रकार फ्री होकर काम नहीं कर पाएंगे। राष्ट्रीय महासचिव शिव कुमार अग्रवाल ने पूर्वोतर के साथ साथ नक्सल प्रभावित राज्य ओडिशा, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और आंध्रप्रदेश के पत्रकार विषम परिस्थितियों में काम कर रहे हैं। उन्होंने महाराष्ट्र की तर्ज पर त्रिपुरा में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की मांग की। पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रासबिहारी ने कहा कि एनयूजेआई जम्मू कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक चौबीस राज्यों में पत्रकारों के कल्याण उनके हितों के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आज पत्रकारों के साथ-साथ छोटे अखबारों पर भी बड़े संकट आ रहे हैं। प्रेस की आजादी और पत्रकारों की सुरक्षा के मामले में भारत 138 वें नंबर पर है। एनयूजेआई लगातार पत्रकार की सुरक्षा के लिए एक ठोस और प्रभावी कानून बनाने की मांग करती रही है। पहले त्रिपुरा में पत्रकारों के लिए काम करना मुश्किल था। नई सरकार ने माहौल को बदला है। अब त्रिपुरा सरकार पत्रकार सुरक्षा कानून की शुरुआत यदि अपने यहां करे तो देश भर में इस कानून के प्रति माहौल बनेगा। पूर्व महासचिव रतन दीक्षित ने त्रिपुरा में पत्रकारों की पेंशन राशि बढ़ाये जाने का स्वागत करते हुए कहा कि त्रिपुरा सरकार ने पेंशन बढ़ाया है अब सरकार उम्र बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए। पूर्व महासचिव प्रसन्न मोहंती ने पत्रकारों पर हमले को कायरतापूर्ण कार्रवाई बताते हुए पत्रकार सुरक्षा कानून की शुरुआत त्रिपुरा से किये जाने की मांग की। अगरतला में एनयूजेआई की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुरू

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