बिहार : साक्षरताकर्मियों ने पदयात्रा शुरू कर पहुंचेंगे आज नगरनौसा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 21 जुलाई 2018

बिहार : साक्षरताकर्मियों ने पदयात्रा शुरू कर पहुंचेंगे आज नगरनौसा

  • 20 जुलाई को राजगीर से चलकर 24 जुलाई को पटना पहुंचकर राज्यपाल महोदय को सौंपेगे स्मार पत्र 
  • शनिवार को राणा बिगहा से चलकर नगरनौसा में रात्रि विश्राम

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नालंदा। अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में बिहार राज्य साक्षरता संघर्ष संयुक्त मोर्चा के बैनर तले कार्यकर्ताओं द्वारा शुक्रवार को राजगीर रोपवे परिसर से राजभवन पटना तक ‘साक्षरता बचाओ पदयात्रा की शुरुआत की गयी। पदयात्रा राजगीर से शुरू होकर राणा बिगहा, नगरनौसा, चंडी, दनियावां सहित विभिन्न रास्ते को होते हुए 24 जुलाई को राजभवन पटना पहुंचेगी। पदयात्रा में सूबे के विभिन्न जिलों से पहुंचे सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हैं। धूप की तपिश के बावजूद पदयात्रा में शामिल कार्यकर्ताओं में उत्साह दिखा। इससे पहले मोर्चा के कार्यकर्ता रोपवे परिसर से इकट्ठा होकर हाथ में तख्तियां लिए सड़क मार्ग होते हुए पैदल निकले और धीरे-धीरे इनका कारवां आगे की ओर बढ़ता गया। मोर्चा के कार्यकर्ता एसएन आजाद ने बताया कि जैसे-जैसे यह पदयात्रा बढ़ती जाएगी, वैसे-वैसे इसमें हजारों की संख्या में लोग जुटते जाएंगे। उन्होंने कहा कि मोर्चा की मांगों में बिहार को साक्षर एवं शिक्षित बिहार बनाना है। इसमें सरकार अपनी जिम्मेवारी से भाग रही है। इस कारण ही सारी समस्याएं आ रही हैं। सूबे में बहाल 20 संविदा कर्मियों को नियमित किया जाए और कर्मियों का दो साल से बकाया राशि का भुगतान किया जाय। साक्षरता से जुड़े कलाकारों को नियमित किया जाय। श्री आजाद ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा किसी तरह का आदेश नहीं आया है, उसके बाद भी विभाग के निदेशक ने बिना किसी सूचना के संविदा पर बहाल कर्मियों को हटा दिया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कदम उठाने से संविदा पर बहाल कर्मी सड़क पर आ गए हैं। उनके सामने भूखमरी की स्थिति बन गयी है। इससे सामाजिक न्याय की बात प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि बिना किसी देरी के साक्षरता कार्यक्रमों को संचालित किया जाय। राज्य सरकार द्वारा संचालित सभी साक्षरता कार्यक्रमों में प्रेरक, समन्वयक की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए नियमितिकरण किया जाए। कार्यकर्ता इन्हीं सब मांगों को लेकर इस कड़ी धूप में भी राजगीर से पटना तक पदयात्रा कर जाने का निश्चय किया और इसे सफल बनाना है।

प्रेरकों को हटाना उचित नहीं: -
कार्यकर्ता कौशलेन्द्र कुमार ने कहा कि प्रेरकों ने सरकार की योजनाओं को पूरा करने में काफी अहम रोल अदा की थी। गांव-गांव में लोगों को जागरुक करने का काम किया था। इसके बाद भी इन्हें हटाना उचित नहीं है।

तीन दिन रास्ते में रात्रि विश्राम:
उन्होंने बताया कि पदयात्रा शुक्रवार को राजगीर से शुरू होकर राणा बिगहा में जाकर रात्रि विश्राम करेगी। शनिवार को यह राणा बिगहा से चलकर नगरनौसा तक जायेगी और चंडी में रात्रि विश्राम करेगी। रविवार को वहां से चलकर दनियावां और उसके बाद पटना क्षेत्र होते हुए 24 जुलाई को पटना के राजभवन तक पहुंचेगी। राज्यपाल को अपनी मांगों से अवगत करायेगी। पदयात्रा में मोर्चा के शैलेन्द्र कुमार, रंजीत कुमार, राकेश कुमार, कौशलेन्द्र कुमार, सुष्मिता कुमारी, राजकुमार पासवान, उमेश प्रसाद, शशि कुमार सहित अन्य मौजूद थे।

संपूर्ण व्यथा :  देश  के  सभी  पंचायत मुख्यालय में साक्षर भारत मिशन 2011 से लागू है। बिहार में साक्षर भारत मिशन में जुड़े 18104 कर्मियों  को 31मार्च 2018 से दूध में पड़ी मक्खी की तरह बाहर कर दिया गया।सीएम नीतीश कुमार ने 21 जून के बाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावेडकर को खत लिखकर साक्षर भारत मिशन को चलाने और अवरूद्ध मानदेय देने का आग्रह किया है। सीएम नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा के परवलपुर प्रखंड के प्रखंड कार्यक्रम समन्वयक आचार्य सरोज ठाकुर ने कहा कि प्रखंड मुख्यालय के मध्य विघालय में प्रखंड लोक शिक्षा समिति का कार्यालय है।इसी तरह पंचायत में भी लोक शिक्षा केंद्र अवस्थित है।यहां पर दो प्रेरक कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास विभाग राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा देश के किसी भी राज्य को समयावधि विस्तार व बंद का पत्र जन शिक्षा निदेशालय को प्राप्त नहीं है।जबकि राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण जन शिक्षा निदेशालय के निदेशक विनोदा नन्द झा के मनमानी रवैये के कारण 18104 लोगों को 31 मार्च 2018 से बेकार कर दिया गया।इससे राज्य संपोषित महादलित, दलित, अल्पसंख्यक एवं अति पिछड़ा वर्ग के वंचित समुदाय के लोगों के समक्ष भुखमरी का आलम है। इस समय राज्य के 38 मुख्य कार्यक्रम समन्वयक को 7500रू.मानदेय मिलता है।वहीं  38 जिला कार्यक्रम समन्वयक, 38 जिला लेखा समन्वयक और 38 जिला आईटी समन्वयकों को 5500 रु. मानदेय मिलता है। मगर इनको 18 माह से मानदेय नहीं मिला। वहीं 534 प्रखंड कार्यक्रम समन्वयक एवं प्रखंड लेखा समन्वयक को मानदेय 3000 रू. है। इनको 21माह से मानदेय नहीं मिला। 16884 प्रेरकों को 18 माह से मानदेय नहीं मिला। उन्होंने कहा कि टोला सेवक, तालिमी मरकज व शिक्षा स्वंमसेवकों के द्वारा संचालित उपचरात्मक शिक्षा केंद्रों के अनुश्वण करने वाले जिला मुख्य कार्यक्रम समन्वयक, जिला कार्यक्रम समन्वयक व प्रखंड कार्यक्रम समन्वयक को कार्य मुक्त  जन शिक्षा निदेशालय के निदेशक विनोदा नंद झा ने कर दिया है। जबकि बिना विज्ञापन रोस्टर बिंदु के चयनित एसआरजी एवं केआरपी को इस कार्यक्रम का सिरमौर बना दिया।यह निदेशक की मनमानी का पराकाष्ठा ही है। जो 2011 से कार्यशील हैं उनको दरकिनार कर नियम-कानून को बौना बनाकर अन्य को सिरमौर बना डाले।

दूसरी ओर गौरतलब है कि केंद्र प्रायोजित साक्षर भारत कार्यक्रम में कार्यरत राज्य के 38  जिला मुख्य कार्यक्रम समन्वयक ,38 जिला कार्यक्रम समन्वयक ,38 जिला लेखा समन्वयक,38 जिला आईटी समन्वयक ,534 प्रखंड कार्यक्रम समन्वयक, 534 प्रखंड लेखा समन्वयक, 16884 प्रेरकों की नियुक्ति शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के विज्ञापन संख्या -402 प्रेरकों की नियुक्ति में पचास फीसदी महिलाओं के आरक्षण के साथ-साथ पंचायत शिक्षक नियोजन ईकाई की तर्ज पर रोस्टर बिंदु के अनुरूप संविदा आधारित बहाली की गयी है। प्रदेश में बहाल 16884 प्रेरक असाक्षर को साक्षर बनाते है.इसके अलावे विकासात्मक कार्य से नवसाक्षरों को जोड़ते हैं।रोजगार करने के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था करवाते। वहीं सामाजिक आंदोलनों का नेतृत्व भी करते हैं। सभी को 31 मार्च 2018 से साक्षरता कार्यक्रम से वंचित कर दिया गया।

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