जितना ज्यादा 'दल-दल' होता है, उतना ज्यादा कमल खिलता है : मोदी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 22 जुलाई 2018

जितना ज्यादा 'दल-दल' होता है, उतना ज्यादा कमल खिलता है : मोदी

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शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश), 21 जुलाई, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी दलों पर आज कटाक्ष किया कि जब दल के साथ दल हो तो 'दल-दल' हो जाता है और जितना ज्यादा दलदल होता है उतना ज्यादा कमल खिलता है। मोदी ने यहां किसान कल्याण रैली में कहा, ‘‘केन्द्र में ऐतिहासिक जनादेश देकर आपने (जनता) जो सरकार बनायी है उस पर उनको (विपक्षी दलों को) विश्वास नहीं है। कल संसद में हम लगातार उनसे पूछते रहे कि बताओ अविश्वास का कारण क्या है, जब कारण नहीं बता पाये तो गले पड गये।’’  उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कल लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर अपना भाषण पूरा करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी की सीट पर जाकर उनसे गले मिले थे। मोदी ने कहा, ‘‘लेकिन वे न तो हमें और न ही देश को इसका कारण बता पाये। हम उनको समझाते रहे कि लोकतंत्र में जनादेश सबसे ऊपर है। जनता जनार्दन के मन मंदिर के खिलाफ ये खेल खेलना ठीक नहीं है। जनता से उलझना महंगा पड़ जाएगा लेकिन उन पर (विपक्ष) तो लगता है जुनून सवार था कि मोदी को सबक सिखाना है, हटाना है ... मोदी कुछ नहीं है ये सवा सौ करोड़ हिन्दुस्तानियों की ताकत है। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के संविधान की ताकत है।' प्रधानमंत्री ने कहा, 'जब ये शक्ति साथ रहेगी तब तक कोई दल और अब तो एक दल नहीं, दल के साथ दल, दल के साथ दल हो रहा है और जब दल के साथ दल हो तो दलदल हो जाता है और जितना ज्यादा दलदल होता है, उतना ज्यादा कमल खिलता है। ये उनका दलदल का खेल कमल खिलाने के लिए नया अवसर देने वाला है ।'  

मोदी ने सपा-बसपा के तालमेल पर तंज कसा, 'साइकिल हो या हाथी, किसी को भी अब बना साथी।' लेकिन आपके स्वांग को देश जान चुका है। कल देश की जनता ने देखा कि कुछ लोगों को प्रधानमंत्री की कुर्सी के अलावा कुछ नहीं दिखता है। उन्हें न देश दिखता है न देश का गरीब दिखता है। उन्होंने विपक्ष पर फिर निशाना साधा कि अहंकार, दंभ और दमन की आदतें आज का युवा भारत एक पल भी सहने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा,‘‘हम 2022 तक 'न्यू इंडिया' के उदय के संकल्प के साथ आगे बढ रहे हैं।’’ उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि पहले कांग्रेस सरकार के एक प्रधानमंत्री ने कहा था कि दिल्ली से एक रूपया निकलता है तो गांव में जाते जाते 15 पैसा हो जाता है। ये बात कांग्रेस के प्रधानमंत्री ने तब कहीं थी जब पंचायत से लेकर संसद तक उन्हीं का झंडा फहरता था। उन्हीं के लोग चुने जाते थे और किसी दल को प्रवेश ही नहीं मिलता था। जब चारों ओर उनका राज चलता था तब उन्होंने ऐसा कहा था। मोदी ने कहा, 'ये कौन पंजा था जो रूपये को घिसते-घिसते 15 पैसा बना देता था। ये कौन पंजा था जो रूपये में से 85 पैसे मार लेता था। हमने रास्ता खोजा और आपको खुशी होगी कि प्रौद्योगिकी के माध्यम से 90 हजार करोड़ रूपया जो कहीं और चला जाता था वो सही व्यक्ति के पास उसके खाते में सीधे पहुंचने लग गया।' 

मोदी के भाषण से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी राहुल पर तंज कसा, 'कल देश की संसद ने वह दृश्य देखा कि कोई व्यक्ति पहले अपने आप को कहां किस रूप में प्रस्तुत करता था, और उनका वह स्वरूप भी, जिसको उनके मुंह से पूरे देश और दुनिया ने सुना है कि हम लोग ‘पप्पू’ ही हैं और ‘पप्पू’ ही रहेंगे। ये पूरी दुनिया और देश ने देखा है।’’ मोदी ने कहा कि किसान हिन्दुस्तान का गौरव है। यही कारण है कि देश के करीब पांच करोड़ गन्ना किसान परिवारों के हित में हाल में कई फैसले लिये गये। उन्होंने कहा कि अब बिचौलियों को दूर कर अपने अन्नदाता को समय पर खरीद का उचित मूल्य दिलाया जा रहा है। खरीद में पारदर्शिता और व्यवस्था का बहुत बड़ा बदलाव है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज किसानों के नाम पर जो (विपक्ष)घडियाली आंसू बहा रहे हैं, ये सब करने के लिए उन्हें भी मौका था। ये ​घडियाली आंसू बहाने वाली सरकारों को किसानों के लिए निर्णय करने की न तो चिन्ता थी और न ही फुर्सत। उन्होंने कहा, ‘‘हमने देश के हर गांव हर घर तक बिजली पहुंचाने का काम किया है और जब 18000 गांवों तक बिजली पहुंची तो विरोधी दलों ने बोलना शुरू कर दिया कि गांव में बिजली गई लेकिन घरों तक नहीं पहुंची। हम उनसे पूछते हैं कि अगर घर तक बिजली नहीं पहुंची थी तो उसका जिम्मेदार कौन है। 70 सालों तक उन लोगों ने राज किया, लेकिन गांव और घरों तक बिजली नहीं पहुंचा सके।’’ उन्होंने कहा कि अपूर्ण और असंवेदनशील सोच ने देश और देश के किसानों का बहुत बड़ा नुकसान किया है। पिछली सरकारों ने सिंचाई से जुड़ी परियोजनाओं को दशकों तक लटकाये रखा।

मोदी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने फैसला लिया कि गन्ने से सिर्फ चीनी ही न पैदा हो बल्कि इससे गाड़ियों के लिए ईंधन भी बने । गन्ने से एथेनॉल बनाने और उसे पेट्रोल में मिश्रित करने का निर्णय लिया गया। 2014 में इस सरकार के आने से पहले चालीस करोड़ लीटर से कम एथेनॉल पैदा होता था लेकिन हमारी सरकार के एक के बाद एक निर्णयों के बाद इस साल के अंत तक 160 करोड लीटर तक एथेनॉल का उत्पादन पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि धान, मक्का, दाल और तेल वाली 14 फसलों के सरकारी मूल्य में 200 रुपये से 1800 रुपये की बढोतरी देश के इतिहास में कभी नहीं हुई। प्रदेश की योगी सरकार ने धान और गेहूं की खरीदारी में वृद्धि की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब यूरिया का नीम कोटिंग होता है तो गांव गांव महिला के स्वयंसेवी समूहों को आर्थिक कारोबार भी मिल जाता है। खेतों में गांव के बाहर नीम के पेड़ की फली एकत्र कर आज उसे लोग बेचने लगे हैं। उससे भी कमाई होने लगी है। लाखों करोडों का व्यापार कर रहे हैं। नीम की फली से तेल निकालकर यूरिया का नीम कोटिंग किया जाता है जो खेत में अधिक उत्पादन की ताकत रखता है। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता में किसान, गरीब शोषित और वंचित हैं। गन्ना किसानों को राहत देने के लिए चीनी के आयात पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाया गया है। अब ऐसी व्यवस्था बनाई जा रही है कि चीनी मिल मालिक किसी तरह का बहाना न बना सकें। मोदी ने शाहजहांपुर और यहां के क्रान्तिकारियों को नमन किया । 'बिस्मिल विद्रोही ... की भूमि शहीदों की नगरी शाहजहांपुर के जन मन को मेरा प्रणाम नमन। काकोरी से क्रान्ति की अलख जगाने वाले शहीदों और आपातकाल का डटकर सामना करने वाले यहां के सूपतों को मैं श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं।’’  उन्होंने अपने भाषण के समापन पर भी भीड़ से शहीदों को स्मरण करते हुए नारे लगवाये। रैली में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय सहित केन्द्र एवं राज्य सरकार के कई मंत्री भी शामिल हुए।

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