बिहार : मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न मामले की सीबीआई जांच अनुशंसा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 27 जुलाई 2018

बिहार : मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न मामले की सीबीआई जांच अनुशंसा

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पटना, 26 जुलाई, बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने मुजफ्फरपुर जिला स्थित एक बालिका गृह की 29 बालिकाओं के यौन उत्पीड़न मामले की जांच सीबीआई से कराने की आज अनुशंसा कर दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से आज जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है मुजफ्फरपुर बालिका गृह में बहुत ही घृणित घटना घटी है और पुलिस पूरी मुस्तैदी से इसकी जांच कर रही है। सरकार निष्पक्ष जांच के लिए प्रतिबद्ध है, किन्तु एक भ्रम का वातावरण बनाया जा रहा है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि भ्रम का वातावरण नहीं रहे, इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और प्रधान सचिव गृह को तत्काल इस मामले को जांच के लिए सीबीआई के सुपुर्द करने की सिफारिश की है। इस मामले की तहकीकात निष्पक्ष ढंग से हो, इसके लिए विपक्ष इसकी सीबीआई से, उच्च न्यायालय की निगरानी में जांच कराए जाने की मांग करता रहा है। यह मांग बिहार विधानमंडल के जारी मानसून सत्र के दौरान सदन के भीतर और बाहर लगातार उठी है। बिहार विधानमंडल और संसद में विपक्षी दलों के सदस्यों द्वारा इस मामले को सदन में उठाए जाने तथा केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बयान के बाद राज्य के पुलिस महानिदेशक के एस द्विवेदी ने गत 24 जुलाई को कहा था, ‘‘मैं अपनी जांच से पूरी तरह संतुष्ट हूं । मुझे इसमें कोई खामी दिखाई नहीं दे रही है इसलिए नहीं लगता कि सीबीआई या अन्य किसी एजेंसी द्वारा जांच किए जाने की आवश्यकता है ।’’ 

गौरतलब है कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा था कि अगर राज्य सरकार मामले की सीबीआई जांच के लिए सिफारिश करती है तो उस पर विचार किया जाएगा। इस बारे में पूछे जाने पर द्विवेदी ने कहा ‘'बिहार पुलिस ऐसा महसूस नहीं कर रही है क्योंकि हम अपने अब तक के अनुंसाधन से संतुष्ट हैं।’’  इस मामले को लेकर पटना उच्च न्यायालय में दो व्यक्तियों नवनीत कुमार और संतोष कुमार की जनहित याचिका की न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ललित किशोर ने बताया कि राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने का निर्णय किया है। इस पर खंडपीठ ने आज की सुनवाई स्थगित करते हुए आदेश दिया कि दोनों जनहित याचिकाओं की सुनवाई, पूर्व में निर्धारित की जा चुकी तारीख 9 अगस्त को होगी। पटना उच्च न्यायालय में गत 9 जुलाई को यह मामला लिया गया था। तब सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा गया था। बहरहाल, यह मामला आज भी सूचीबद्ध था इसलिए इसे लिया गया। इस मामले को विपक्ष ने बिहार विधानमंडल के जारी मानसूत्र सत्र में बार बार उठाया और दोनों सदनों की कार्यवाही लगातार बाधित हुई। स्तब्ध कर देने वाले इस मामले में जेल में बंद बालिका गृह के सीपीओ रवि कुमार रौशन की पत्नी ने समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति चंदेश्वर वर्मा पर उक्त बालिका गृह जाने का कल आरोप लगाया और इस मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की थी ।

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