नई दिल्ली, 31 जुलाई, राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के मसौदे के आने के बाद हो रही उथल-पुथल के बीच सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि सोमवार को प्रकाशित सूची के आधार पर किसी भी प्राधिकारी द्वारा किसी भी प्रकार की दंडात्मक-प्रतिरोधक कार्रवाई नहीं की जा सकती। महान्यायवादी के.के. वेणुगोपाल द्वारा मामले की गंभीरता का उल्लेख करने के बाद न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति रोहिंग्टन फली नरीमन की खंडपीठ ने कहा, "जो प्रकाशित हुआ है वह संपूर्ण एनआरसी मसौदा है। यह किसी भी प्राधिकारी द्वारा किसी भी प्रकार की कार्रवाई का आधार नहीं बन सकता।" एनआरसी के राज्य समन्वयक प्रतीक हजेला ने सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय को बताया था कि एनआरसी मसौदा जनता के लिए सात अगस्त तक उपलब्ध रहेगा, जिससे वे सितंबर के अंत तक अपने दावे और आपत्तियां दायर कर सकें।
मंगलवार, 31 जुलाई 2018
NCR मसौदे के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकती : सुप्रीम कोर्ट
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