पटना (आर्यावर्त डेस्क) .आप तो पश्चिमी दीघा,पूर्वी दीघा,पश्चिमी मैनपुरा,पूर्वी मैनपुरा और उत्तरी मैनपुरा ग्राम पंचायत से निकाल कर पटना नगर निगम में शामिल कर दिया.मगर पटना नगर निगम के गठन के 13 माह के बाद भी ग्राम से नगर बनाने की दिशा में पहलकदमी करने के लिए 13 पैसे नहीं दिये. कैसे वार्ड पार्षद विकास कार्य कर पायेंगे? सामाजिक कार्यकर्ता पप्पू राय कहते हैं कि पश्चिमी दीघा और पूर्वी दीघा ग्राम पंचायत को मिलाकर 22 ए वार्ड बनाया है.पश्चिमी मैनपुरा और पूर्वी मैनपुरा ग्राम पंचायत को मिलाकर 22 बी वार्ड बनाया है. उत्तरी मैनपुरा ग्राम पंचायत से 22 सी वार्ड बनाया गया है. उन्होंने कहा कि 22 ए वार्ड के वार्ड पार्षद दिनेश चौधरी हैं. 22 बी की वार्ड पार्षद सुचित्रा सिंह हैं. 22 सी की वार्ड पार्षद रजनी देवी हैं. इन निर्मित वार्डों में वार्ड पार्षद भाषणबाजी से काम निकाल कर रहे हैं. ग्राम से नगर में आने वाले नागर समाज को नागरिक सुविधा नहीं मिल पा रही है. हाल में पटना नगर निगम ने नगर को अंधेरे से निकालने के लिए 25 लाख रू.निर्गत किये.यह राशि पार्षदों को नहीं दी गयी. सफाई इंस्पेक्टर की हाथ में राशि दी गयी. इसमें वार्ड पार्षद ने जेब ढीली की है.निगम से 13 पैसे नहीं मिलने से कैसे वार्ड पार्षद विकास का कार्य कर सकेंगे?
गुरुवार, 5 जुलाई 2018
बिहार : 13 माह में वार्ड पार्षदों को व्यय करने के लिए 13 पैसे नहीं मिला
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