बिहार : एक ही झटके में 18104 साक्षर भारत मिशन से जुड़े कर्मी सड़क पर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 7 जुलाई 2018

बिहार : एक ही झटके में 18104 साक्षर भारत मिशन से जुड़े कर्मी सड़क पर

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री को सीएम ने लिखे खत534 प्रखंड कार्यक्रम समन्वयक को 21 माह से मानदेय नहीं मिला
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पटना. देश  के  सभी  पंचायत मुख्यालय में साक्षर भारत मिशन 2011 से लागू है. बिहार में साक्षर भारत मिशन में जुड़े 18104 कर्मियों  को 31मार्च 2018 से दूध में पड़ी मक्खी की तरह बाहर कर दिया गया.सीएम नीतीश कुमार ने 21 जून के बाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावेडकर को खत लिखकर साक्षर भारत मिशन को चलाने और अवरूद्ध मानदेय देने का आग्रह किया है. सीएम नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा के परवलपुर प्रखंड के प्रखंड कार्यक्रम समन्वयक आचार्य सरोज ठाकुर ने कहा कि प्रखंड मुख्यालय के मध्य विघालय में प्रखंड लोक शिक्षा समिति का कार्यालय है.इसी तरह पंचायत में भी लोक शिक्षा केंद्र अवस्थित है. यहां पर दो प्रेरक कार्यरत हैं. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास विभाग राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा देश के किसी भी राज्य को समयावधि विस्तार व बंद का पत्र जन शिक्षा निदेशालय को प्राप्त नहीं है.जबकि राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण जन शिक्षा निदेशालय के निदेशक विनोदा नन्द झा के मनमानी रवैये के कारण 18104 लोगों को 31 मार्च 2018 से बेकार कर दिया गया.इससे राज्य संपोषित महादलित, दलित, अल्पसंख्यक एवं अति पिछड़ा वर्ग के वंचित समुदाय के लोगों के समक्ष भुखमरी का आलम है. इस समय राज्य के 38 मुख्य कार्यक्रम समन्वयक को 7500रू.मानदेय मिलता है.वहीं  38 जिला कार्यक्रम समन्वयक, 38 जिला लेखा समन्वयक और 38 जिला आईटी समन्वयकों को 5500 रु. मानदेय मिलता है.मगर इनको 18 माह से मानदेय नहीं मिला.वहीं 534 प्रखंड कार्यक्रम समन्वयक एवं प्रखंड लेखा समन्वयक को मानदेय 3000 रू. है. इनको 21माह से मानदेय नहीं मिला. 16884 प्रेरकों को 18 माह से मानदेय नहीं मिला.

उन्होंने कहा कि टोला सेवक, तालिमी मरकज व शिक्षा स्वंमसेवकों के द्वारा संचालित उपचरात्मक शिक्षा केंद्रों के अनुश्वण करने वाले जिला मुख्य कार्यक्रम समन्वयक, जिला कार्यक्रम समन्वयक व प्रखंड कार्यक्रम समन्वयक को कार्य मुक्त  जन शिक्षा निदेशालय के निदेशक विनोदा नंद झा ने कर दिया है.जबकि बिना विज्ञापन रोस्टर बिंदु के चयनित एसआरजी एवं केआरपी को इस कार्यक्रम का सिरमौर बना दिया.यह निदेशक की मनमानी का पराकाष्ठा ही है. जो 2011 से कार्यशील हैं उनको दरकिनार कर नियम-कानून को बौना बनाकर अन्य को सिरमौर बना डाले. दूसरी ओर गौरतलब है कि केंद्र प्रायोजित साक्षर भारत कार्यक्रम में कार्यरत राज्य के 38  जिला मुख्य कार्यक्रम समन्वयक ,38 जिला कार्यक्रम समन्वयक ,38 जिला लेखा समन्वयक,38 जिला आईटी समन्वयक ,534 प्रखंड कार्यक्रम समन्वयक, 534 प्रखंड लेखा समन्वयक, 16884 प्रेरकों की नियुक्ति शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के विज्ञापन संख्या -402 प्रेरकों की नियुक्ति में पचास फीसदी महिलाओं के आरक्षण के साथ-साथ पंचायत शिक्षक नियोजन ईकाई की तर्ज पर रोस्टर बिंदु के अनुरूप संविदा आधारित बहाली की गयी है.  प्रदेश में बहाल 16884 प्रेरक असाक्षर को साक्षर बनाते है.इसके अलावे विकासात्मक कार्य से नवसाक्षरों को जोड़ते हैं.रोजगार करने के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था करवाते.वहीं सामाजिक आंदोलनों का नेतृत्व भी करते हैं. सभी को 31 मार्च 2018 से साक्षरता कार्यक्रम से वंचित कर दिया गया.

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