नई दिल्ली, 18 जुलाई (आईएएनएस)| राज्यसभा में बुधवार को स्टेट बैंक (निरसन व संशोधन) विधेयक 2017 के पास होने के साथ ही भारतीय स्टेट बैंक के साथ छह अनुषंगी बैंकों के विलय के विधेयक को संसद की मंजूरी मिल गई। विधेयक में भारतीय स्टेट बैंक (अनुषंगी बैंक) अधिनियम 1959 और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद अधिनियम 1956 को निरस्त करने के साथ-साथ एसबीआई अधिनियम 1955 में संशोधन किया गया है। एसबीआई (अनुषंगी बैंक) अधिनियम 1959 के तहत स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर और जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर का गठन किया गया था। स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद और स्टेट बैंक ऑफ पटियाला पर एसबीआई का पूर्ण स्वामित्व था। स्टेट बैंक ऑफ मैसूर में एसबीआई की 90 फीसदी हिस्सेदारी थी और स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर और जयपुर में एसबीआई की 75.07 फीसदी, जबकि स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर में 79.09 फीसदी हिस्सेदारी थी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फरवरी 2017 में विलय को मंजूरी प्रदान की थी, जिसके तहत एसबीआई को इन अनुषंगी बैंकों का अधिग्रहण करने की अनुमति प्रदान की गई थी। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 21 जुलाई, 2017 को लोकसभा में विधेयक प्रस्तुत किया था, जिसे निम्न सदन ने पारित कर दिया था।
गुरुवार, 19 जुलाई 2018
एसबीआई के 6 अनुषंगी बैंकों के विलय को संसद की मंजूरी
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