वृक्षारोपण हेतु हजारों की संख्या में लोगों ने किया सहभाग - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 22 जुलाई 2018

वृक्षारोपण हेतु हजारों की संख्या में लोगों ने किया सहभाग

रिस्पना टू ऋषिपर्णा’ ग्रीनर व क्लीनर अभियान का आगाज, मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने केरवान गांव व मोथरोवाला में किया पौधरोपण, 2.50 लाख पौधों के रोपण की योजना, हर उम्र, हर समुदाय और अनेक धर्मो के लोगों ने की बढ़-चढ कर भागीदारी
tree-planting
ऋषिकेश, 22 जुलाई। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी और परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने आज रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण हेतु ’रिस्पना टू ऋषिपर्णा' अभियान का शुभारम्भ किया। इस ग्रीनर -क्लीनर अभियान में हजारों की संख्या में बच्चों, युवाओं, महिलाओं व बुजुर्गों ने पूरे जोश के साथ सहभागिता की। हिंदु, मुस्लिम, बौद्ध, सिक्ख, जैन सहित अनके धर्म एंव समुदाय के लोगों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।  इस अभियान के तहत 2.50 लाख पौधों का रोपण किया जा रहा है। जिसकी शुरूआत केरवान गांव से की गई। इसके बाद स्वामी जी महाराज और मुख्यमंत्री महोदय ने मोथरोवाला में भी पौधारोपण किया। मोथरोवाला में रिस्पना के किनारे सर्वधर्म सद्भावना वाटिका विकसित की जा रही है। इस अभियान को देहरादून के सभी शिक्षण संस्थाओं, स्वयं सेवी संस्थाओं, विभिन्न संस्थानों, विभागों के साथ ही आम जन सहभागिता के द्वारा संचालित किया जा रहा है। रिस्पना नदी को ऋषिपर्णा के स्वरूप में पुनर्जीवित करने के अभियान की सफलता के लिए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने सभी से मिल रहे सहयोग पर आभार जताया। उन्होंने कहा कि बरसात में भी बच्चे, युवा, महिलाएं, बुजुर्ग सभी लोग जिस उत्साह से भाग ले रहे हैं उससे पूरा विश्वास है कि हम नदियों के पुनर्जीवन में अवश्य सफलता प्राप्त करेंगे।
इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि नदियों के द्वारा ही किसी भी राष्ट्र में प्राणों का संचार होता है। नदियों में जीवन, संस्कृति, सभ्यता और धरोहर समाहित है इन्हों जीवंत और प्राणवान करना नितांत आवश्यक है। उन्होने कहा कि वृक्षों को जीवन देना भावी पीढ़ी को जीवन देने के समान है। स्वामी जी ने कहा की हमारा प्रदेश जल और जंगल से समृद्ध प्रदेश है इसे समृद्ध बनाये रखने के लिये समय-समय पर इसी तरह के भगीरथी प्रयास की जरूरत है। आज के इस ऐतिहासिक वृक्षारोपण अभियान के लिये स्वामी जी ने माननीय मुख्यमंत्री जी और उनकी पूरी टीम का अभिनन्दन किया तथा प्रदेश वासियों से आह्वान किया कि वे पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही सुनिश्चित कर ऐसे श्रेष्ठ कार्य के लिये सरकार को सहयोग प्रदान करे।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी ने कहा कि हमने एक छोटा सा संकल्प लिया था कि हम रिस्पना को पुनर्जीवित करने का प्रयास करेंगे और मुझे यह देखकर बेहद खुशी है कि भगीरथ की इस धरती पर हमारी नदियों को बचाने के लिए वास्तव में आमजन द्वारा भगीरथ प्रयास होने लगे हैं। रिस्पना को बचाने के लिए आज देहरादून और देहरादून से बाहर के बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग, युवा, समाज का हर वर्ग उत्साहित है। गंगा की इस धरती पर हजारों भगीरथ आज यहां एकत्र हुए हैं। सामूहिक प्रयासों से रिस्पना और कोसी को पुनर्जीवित करके हम उत्तराखंड का नाम स्वर्णाक्षरों में दर्ज करवा सकते हैं। इस अवसर पर उन्होने ब्रिटेन की थेम्स नदी का जिक्र किया और कहा कि ब्रिटेन के लोग एक भगीरथ प्रयास से टेम्स जैसी नदी को साफ कर सकते हैं, तो क्या उत्तराखंड के लोग व्यापक जन अभियान से रिस्पना की सूरत नहीं बदल सकते ? मुझे पूरा विश्वास है, आपके सहयोग, आपकी ऊर्जा और इस पुण्य भावना के साथ हम रिस्पना और कोसी का उत्थान करके ब्रिटेन के लोगों की तरह दुनिया के लिए एक आदर्श उदाहरण बनेंगे। लेकिन हमको बस यहीं पर नहीं रुकना है, आज जो पौधे हम सबने मिलकर लगाए हैं, उनके संरक्षण का जिम्मा भी हमें खुद उठाना होगा। पौधे लगने से रिस्पना के जलप्रवाह में सुधार होगा। आगे के चरणों में हमे रिस्पना के तट पर साफ सफाई का कार्यक्रम भी चलाना है। लेकिन हमें इस नेक जन आंदोलन की भावना को जीवित रखना है। एक नदी के पुनर्जीवित होने से उसके साथ-साथ एक सभ्यता जीवित होगी, एक संस्कृति का पुनरुद्धार होगा, एक विरासत को भी नया जीवन मिलेगा। मुख्यमंत्री ने जनपद देहरादून के जिलाधिकारी व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की भी सराहना की। 
जिलाधिकारी श्री एस.ए.मुरूगेशन ने बताया कि मिशन रिस्पना टू ऋषिपर्णा अभियान के तहत आज 22 जुलाई को केरवान गांव तथा उसके आसपास 39 ब्लॉक में खड़ीक, अमलतास, कनजी, कंजू, शीशम, कचनार, बांस, बेलपत्र, संदन, आंवला, हरड़, बहेड़ा, तेजपात, महल, टिकोमा, पिलन इत्यादि 18 से अधिक विभिन्न प्रजातियां के वृक्षों का रोपण किया गया।  इससे पूर्व जनपद में नामित विभिन्न नोडल अधिकारियों के माध्यम से राजकीय उद्यान सर्किट हाउस नर्सरी से कटहल, आम, अमरूद, संतरा, कागजी नींबू, लीची, किन्नू, बारहमासी इत्यादि फलदार पौधों को जनपद में स्थित विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों के बच्चों को वितरित किया गया।  इस अभियान में नगर निगम, वन, इको टास्क फोर्स, सिविल डिफेंस, सेना, आईटीबीपी के साथ ही लोक निर्माण विभाग, सिंचाई, जल संस्थान, सूचना विभाग, जिला आपूर्ति, पंचायती राज, ग्रामीण विकास, पेयजल, इत्यादि सहित जनपद के सभी विभागों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। विभिन्न केंद्रीय संस्थानों, राज्य में स्थित संस्थान, गैर सरकारी व सरकारी विद्यालयों के साथ ही विभिन्न गैर सरकारी संगठन, मीडिया इत्यादि की भी उल्लेखनीय भूमिका रही। इस अवसर पर उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव, मुख्य वन संरक्षक श्री जयराम जी, अन्य वनाधिकार, नमामि गंगे के महानिदेशक श्री राजीव रंजन मिश्रा जी दिल्ली से विशेष रूप से पधारे तथा उनके साथ श्री हितेश मकवाना, डाॅ प्रवीन कुमार टेक्नीकल निदेशक, नमामि गंगे के उत्तराखण्ड के निदेशक श्री राघव लंगर जी, विभिन्न धर्मो के धर्मगुरूओं, अनुयायियों, सिक्ख, मुस्लिम  धर्म के मौलाना मौलाना इस्लाम, प्रमुख जीमयत उलेमा ए हिन्द देहरादून, मुफ़्ती रसीद जी, मौलाना महमूद शाहिद, मौलाना अब्दुल रज्जाक, मौलाना राशिद जी, बिहार से आये मौलाना निहाल खान जी, स्कूली छात्रों, विधायक श्री गणेश जोशी, श्री विनोद चमोली, श्री मुन्ना सिंह चैहान, मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, सुश्री नन्दिनी त्रिपाठी, नदियों के प्रतिकात्मक स्वरूप में पेरू, मलेशिया और विश्व के विभिन्न देशों से आयी कन्यायें एवं अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारियों ने इस ऐतिहासिक कार्य में सहभागिता की

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