- बांध मरम्मति में हुए गड़बड़ी को लेकर भयभीत हैं किसान
मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 02 जुलाई, पड़ोसी देश नेपाल में हो रही भारी बारिश के बाद प्रखण्ड क्षेत्र के अधवारा समूह की सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. वहीं रविवार की सुबह से लगातार हो रही बारिश से नदियों का जलस्तर अप्रत्याशित ढंग से बढ़ गया है. नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से क्षेत्र में बाढ़ की संभावना पुन: बढ़ गई है. वहीं जलस्तर से किसान चिंतित हो गए हैं. किसानों को आशंका है कि इस वर्ष बाढ़ आई, तो फिर उन्हें नुकसान झेलना होगा. नदियों के बांध की मरम्मती में खानापूर्ति से किसान नाराज दिख रहे हैं. क्षेत्र के दर्जनों किसानों ने बताया कि बांध की मरम्मती में बहुत बड़ी अनिमियता हुई है. नदी के अंदर से बालू निकल कर टूटे तटबन्धों पर डाल खानापूर्ति की गई है. बालू की दीवार कितना बाढ़ के वेग को रोकने में सक्षम है. वह पिछले वर्ष देख किसान भयभीत है. नदियों का जलस्तर बढ़ते हीं टूटे स्युलिसगेट से उनके खेतो में पानी प्रवेश कर जाएगी. जिससे रोपनी प्रभावित होगी. गौरतलब हो कि बेनीपट्टी, मधवापुर, हरलाखी प्रखण्ड क्षेत्र में अधवारा समूह की आधा दर्जन नदियां बाढ़ का कहर बरपाती है. इनमेंधोंस नदी सर्वाधिक क्षति पहुंचाती है. इन नदियों से सुरक्षा के लिए चालू वित्तीय वर्ष में करीब सात करोड़ रुपए की राशि खर्च कर बुढनद व खिरोई नदियों के बांधो की मरम्मती की गई थी. इस मरम्मती में व्यापक पैमाने पर अनिमियता की बात सामने आई है. नदियों के तलहटी के बालू से ही तटबन्ध की मरम्मती की गई है. वहीं गत वर्ष टूटी बांध स्थल पर बिना जाल लगाए बोरा में नदी का बालूयुक्त मिट्टी भरकर बोरा रखी गई है. इस आलोक में एक अवकाश प्राप्त अभियंता ने जानकारी दी कि बिना जाल लगाए बांध टूटे स्थल पर बोरा डालना ठीक नहीं है. जाल लगाकर बोरा रहने से पानी का दबाव पड़ने पर जाल बोरा को सुरक्षित रखता है. बिना जाल लगाने से पानी बोरा सहित वह जाता है.
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