घड़ियाली आंसू बहाने वालों से पूछें कि सिंचाई परियोजनाएं अधूरी क्यों छोड़ीं : मोदी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 16 जुलाई 2018

घड़ियाली आंसू बहाने वालों से पूछें कि सिंचाई परियोजनाएं अधूरी क्यों छोड़ीं : मोदी

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मिर्जापुर, 15 जुलाई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्ववर्ती सरकारों पर जनता की उपेक्षा करने और समय पर विकास परियोजनाओं को पूरा न करने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि किसानों के लिए घड़ियाली आंसू बहाने वाले, अपने कार्यकाल में सिंचाई परियोजनाओं को अधूरी छोड़ने का कारण बताएं। मिर्जापुर में प्रधानमंत्री मोदी ने आज 40 साल पुरानी महत्वाकांक्षी बाणसागर परियोजना का लोकार्पण करने के बाद कहा ‘‘इस परियोजना का खाका 40 साल पहले 1978 में खींचा गया था। लेकिन काम शुरू होते होते 20 साल निकल गए। कई सरकारें आईं-गईं लेकिन इस परियोजना पर सिर्फ बातें वायदे हुए।'  प्रधानमंत्री ने कहा कि बाणसागर परियोजना 300 करोड़ रुपए में पूरी हो सकती थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब यह 3500 करोड़ रूपये में पूरी हुई। ‘‘ घड़ियाली आंसू बहाने वालों से आपको पूछना चाहिए कि देश में अधूरी पड़ी ऐसी ही कई योजनाएं उन्हें नजर क्यों नहीं आईं। उन्होंने सिंचाई परियोजनाओं को पूरा क्यों नहीं किया। सिर्फ बाणगंगा का मामला नहीं है। देश के हर राज्य में ऐसी कई योजनाएं अटकी पड़ी हैं।'  मोदी ने कहा, "बाणसागर परियोजना से सिर्फ मिर्जापुर ही नही बल्कि इलाहाबाद समेत इस पूरे क्षेत्र की डेढ़ लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचाई की सुविधा मिलने जा रही है। जो लाभ अब आपको मिलने वाला है वह आपको दो दशक पहले मिल जाता, अगर यह परियोजना समय पर पूरी हो जाती। लेकिन पिछली सरकारों ने यहां के किसानों की चिंता नहीं की।’’

मिर्जापुर में प्रधानमंत्री मोदी ने आज 40 साल पुरानी महत्वाकांक्षी बाणसागर परियोजना का लोकार्पण करने के साथ ही कुछ अन्य परियोजनाओं का भी शिलान्यास किया ।  उन्होंने लोगों से मां विंध्यवासिनी का हवाला देकर वायदा लिया कि वह पानी की एक एक बूंद की रक्षा करेंगे ताकि इस पानी का फायदा अधिक से अधिक किसानों को मिल सकें।  मोदी ने कहा, "विंध्य पर्वत और भागीरथी के बीच बसा यह क्षेत्र सदियों से अपार संभावनाओं का केंद्र रहा है। मार्च में जब मैं यहां सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन करने आया था तब फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी मेरे साथ आए थे। हमारा स्वागत विंध्यवासिनी माता की चुनरी के साथ किया गया था। इस स्वागत से अभिभूत मैक्रों ने मां के बारे में जानना चाहा। जब मैंने उन्हें मां के बारे में बताया तो वह बहुत खुश हुए थे।' 

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