बिहार : यहां पर महादलित प्रेमी सरकार का चेहरा बेनकाब - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 21 अगस्त 2018

बिहार : यहां पर महादलित प्रेमी सरकार का चेहरा बेनकाब

30 साल के बाद भी 17 मुसहर परिवारों का भूमि पर दखल देहानी नहीं
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पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू-राबड़ी का निवास स्थान    शेखपुरा में भी है. इन साहब लोगों के घर के पास ही कई दशक से महादलित और पिछड़ी जातियों के लोग तिनका जोड़-जोड़ कर झोपड़ी निर्माण किए थे.एक ही झटके में सड़क निर्माण के नाम पर विस्थापित हो गए.

जे.पी.आंदोलन से लालू का बड़ा कद 
लालू-राबड़ी सदृश्य लोगों के घरों में विशिष्ट लोगों का आगमन होने लगा.स्वाभाविक है कि गाड़ियां  आवाजाही करेगी ही. आवाजाही करने में दिक्कत होने से झोपड़ियों को हटायी गयी. कोई चार दर्जन से अधिक परिवार  सड़क निर्माण करने के नाम पर विस्थापित हो गए. इस विस्थापन से लालू प्रसाद प्रसाद यादव के घर में काम करने वाली  मरच्छिया देवी भी विस्थापित हो गयी.दोनों के बीच में भाई-बहन का रिश्ते को लालू ने निभाया.

पुनर्वास का मसला हल करने जिला प्रशासन सामने आया
बिहार सरकार के राजस्व शाखा,पटना द्वारा बन्दोबस्ती केस नं.-13 वर्ष 1987-88 में औपबंधित परवाना विस्थापितों को दिया.रामचन्दर मांझी,बहादुर मांझी,सुखू मांझी,चन्ददीप मांझी,तुफानी मांझी,रामजी मांझी,
मरच्छिया देवी समेत 17 मुसहर परिवार को जलालपुर, पो. दानापुर, थाना दानापुर जिला पटना के साथ एकड़ 0.02 डिसमिल गैर मजरूआ मालिक की जमीन को बन्दोबस्ती की गयी. थाना नं. -22, खाता नं. -149, खेसरा नं.- 274, 291 है.

जलालपुर में है सड़क के किनारे जमीन
शेखपुरा में सड़क निर्माण के नाम पर विस्थापित होने वाले महादलित व पिछड़ी जाति के लोगों को जलालपुर में ही रोड के किनारे जमीन दी गयी है.वयोवृद्ध मरच्छिया देवी कहती हैं कि जलालपुर में रहने वाले दबंग किसान व बिल्डरों द्वारा पिछड़ी जाति के लोगों को बसने दिया गया.महादलितों को बसने नहीं दिया और डंडा के बल पर खदेड़ दिया.

और तो और महादलितों की जमीन से मिट्टी निकालकर सड़क निर्माण किया
महादलितों  के साथ अत्याचार किया जा रहा है.अव्वल महादलित 17 मुसहर परिवार को बसने नहीं दिया जा रहा है.इनलोगों की जमीन से मिट्टी निकालकर सड़क निर्माण किया.वहां पर गड्ढा बना दिया गया.इसमें किसान लोग पानी भरकर रखते हैं.ऐसा करने से जमीन का सीमांकन होने में दिक्कत होगी. अभी यह कच्ची सड़क को पक्कीकरण किया गया है. लिए 

तीस सालों से जमीन पर कब्जा लेने को लेकर आंदोलित हैं मुसहर
मरच्छिया देवी कहती है कि जवान से बुढ़ी हो गई है. मेरे पति राजेंद्र मांझी और 2 बेटी 1 लड़का संघर्ष में साथ देते हैं.अभी हमलोग सड़क के किनारे अभिमन्यू नगर में रहते हैं.जिनको जलालपुर में एकड़ 0.02 डिसमिल जमीन मिली है.सभी 17 मांझी परिवार कर्मचारी से नियमित रसीद कटवाते हैं.कभी भी सरकार आंख खोल दें और जमीन पर कब्जा दिला दें.

अब काफी कम उम्मीद है कि मांझी परिवार को जमील मिल सके
कई बार एसडीओ,दानापुर का प्रयास हुआ है.एस.डी.ओ.खुद जमीन का मुआयना करने गये है.मिट्टी काटकर गड्ढा बने स्थान पर जलभराव की बात करके लौट गये हैं.जब कर्मचारी गए हैं तो खदेड़ दिए गए हैं.हरदम किसानों के द्वारा पंप से गड्ढे में पानी भर दिया जाता है.अब तो अपाट्मेंट भी बन रहा है.अपने सामने मांझी परिवार को बसने नहीं देंगे.इस तरह तीस साल में प्रशासन फेल है.सरकार 17 मांझी परिवार को बसाये वक्त की मांग है.

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