जकार्ता, 19 अगस्त, भारतीय पहलवान बजरंग पुनिया 18वें एशियाई खेलों में जिन उम्मीदों के साथ गए थे, वो उन्होंने पूरी की हैं। बजरंग ने पुरुषों की 65 किलोग्राम भारवर्ग फ्री स्टाइल स्पर्धा में शानदार जीत दर्ज करते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया। स्वर्ण पदक के एक और बड़े दावेदार माने जा रहे ओलिम्पक पदक विजेता सुशील कुमार ने हालांकि निराश किया और वह खेलों के पहले दिन रविवार को पहले ही दौर में हार कर बाहर हो गए। बजरंग ने फाइनल में जापान के दाइचे ताकातानी को रोचक और कड़े मुकाबले में 11-8 से मात देकर एशियाई खेलों का अपना पहला स्वर्ण पदक हासिल किया। बजरंग ने पिछले एशियाई खेलों में रजत पदक अपने नाम किया था और इस बार उनसे उम्मीद थी की वह अपने पदक का रंग बेहतर करेंगे। बजरंग ने सभी की उम्मीदों को पूरा करते हुए सोने का तमगा हासिल किया। लेकिन, सुशील विफल रहे और 74 किलोग्राम फ्रीस्टाइल स्पर्धा के क्वालिफिकेशन में ही बहरीन के अदम बातिरोव से 5-3 से मात खाकर बाहर हो गए। कुश्ती में भारत के हिस्से एक कांस्य पदक आ सकता था, लेकिन 86 किलोग्राम भारवर्ग में पवन कुमार कांस्य पदक के मुकाबले में मंगोलिया के ओरगोदुल उतुमेन से 8-1 से हार कर पदक जीतने का मौका गंवा बैठे। इनके अलावा संदीप तोमर 57 किलोग्राम भारवर्ग फ्री स्टाइल स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में हार कर बाहर हो गए। मौसम खत्री को 97 किलोग्राम भारवर्ग फ्री स्टाइल स्पर्धा के क्वार्टर फाइनल में शिकस्त झेल खेलों से बाहर होना पड़ा।
इसी साल राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले बजरंग ने फाइनल मुकाबले की शानदार शुरुआत की और आते ही टेकडाउन से छह अंक लिए। ताकातानी ने 0-6 से पिछड़ने के बाद हालांकि हार नहीं मानी और बजरंग को बाहर ले जाते हुए दो अंक लिए। पहले राउंड में बजरंग 6-2 की बढ़त के साथ गए। दूसरे राउंड में ताकातानी ने वापसी के लिए अपना पूरा जोर लगा दिया और स्कोर 6-6 से बराबर कर लिया। यहां से दोनों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखी गई। बजरंग ने जापानी खिलाड़ी को पलटते हुए दो अंक लेकर स्कोर 8-6 और फिर 10-6 कर लिया। ताकातानी ने दो अंक लेकर एक बार फिर वापसी की कोशिश की लेकिन बजरंग ने एक और अंक लिया और दूसरे राउंड की समाप्ति तक अपनी तीन अंकों की बढ़त को बनाए रखते हुए सोने का तमगा हासिल किया। बजरंग ने अपने पहले मुकाबले में उज्बेकिस्तान के पहलवान सिरोजिद्दीन खासानोव को 13-3 से मात दे क्वार्टर फाइनल का सफर तय किया। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने ताजिकिस्तान के फेजेव अब्दुलकासिम को 12-2 से एकतरफा शिकस्त देकर अंतिम-4 में प्रवेश किया जहां मंगोलिया के बाटमगनाई बैटचुलुन को 10-0 से मात दे फाइनल में जगह बनाई और फिर अपना स्वर्ण पदक पक्का किया।
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