मीडिया व लोकतांत्रिक आवाम से लोकतंत्रविरोधी फैसले के खिलाफ मुखर विरोध करने का आह्वान
पटना 24 अगस्त 2018, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने बिहार सरकार द्वारा हाइकोर्ट के निर्देश की गलत व्याख्या करते हुए मीडिया पर सेंसरशिप लगाने की कार्रवाई की कड़ी आलोचना की है और इसे अविलंब वापस लेने की मांग की है. हाइकोर्ट ने मुजफ्फरपुर की जांच प्रक्रिया अथवा जांच की प्रगति से संबंधित खबरों के लीक होने पर नाराजगी जाहिर की थी. इसी को आधार बनाकर बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग ने सूचना व जनसंपर्क विभाग को एक पत्र भेज दिया है, जिसमें बालिका गृह मुजफ्फरपुर व इससे संबंधित किसी भी प्रकार की जांच से संबंधित सूचना का प्रकाशन करने पर रोक लगा दी गई है. भाकपा-माले ने कहा है कि बिहार सरकार असली अपराधियों-बलात्कारियों को बचाने के लिए इस तरह का कदम उठा रही है. इसके पहले पटना उच्च न्यायालय के बिना सूचना के मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड जांच के सीबीआई एसपी को बदल दिया गया और अब उच्च न्यायालय की गलत व्याख्या की जा रही है. भाकपा-माले बिहार के मीडिया समूह व लोकतांत्रिक आवाम से इस लोकतंत्रविरोधी फैसले के खिलाफ मुखर विरोध करने का आह्वान करती है. आगामी 28 अगस्त को वाम दल पूरे बिहार में मानव शृंखला का आयोजन करेंगे और सरकार की बलात्कारी पक्षधरता के खिलाफ आंदोलन को जारी रखेंगे.
28 अगस्त के मानव शृंखला को लेकर बैठक हुई
मुजफ्फरपुर सहित सभी शेल्टर गृहों की जांच सीबीआई से कराने, नीतीश कुमार व सुशील कुमारी मोदी के इस्तीफे आदि मांगों पर वाम दलों के आह्वान आगामी 28 अगस्त को मानव शृंखला का आयोजन किया गया है. इसकी तैयारी को लेकर आज माले कार्यालय में एक बैठक हुई. बैठक में पार्टी के राज्य सचिव कुणाल, वरिष्ठ नेता केडी यादव, राजाराम, सरोज चैबे, संतोष सहर, अभ्युदय, नवीन कुमार, अनिता सिन्हा, समता राय, सुधीर कुमार, संजय यादव आदि नेता उपस्थित थे.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें