भाजपा ने असम में अनर्थ कर अपना मकसद साध लिया : मायावती - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 1 अगस्त 2018

भाजपा ने असम में अनर्थ कर अपना मकसद साध लिया : मायावती

bjp-complete-their-agenda-by-assam-mayawati
लखनऊ, 31 जुलाई, बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को कहा कि 'भाजपा शासित असम राज्य में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) के प्रकाशन के बाद 40 लाख से ज्यादा धार्मिक व भाषाई अल्पसंख्यकों की नागरिकता लगभग खत्म कर दी गई है।  यह अनर्थ है, इससे बीजेपी एंड कंपनी ने अपनी स्थापना का एक प्रमुख उद्देश्य पूरा कर लिया है।'  मायावती ने  कहा कि असम में बरसों से रहने के बावजूद अगर वे लोग अपनी नागरिकता के संबंध में कोई ठोस सबूत नहीं दे पाए हैं, तो इसका यह मतलब नहीं कि उन लोगों से उनकी नागरिकता ही छीन ली जाए और उन्हें देश से बाहर निकालने का जुल्म ढाया जाए। उन्होंने कहा, "नागरिकता छिनने से प्रभावित लोगों में ज्यादातर बंगाली मुसलमान हैं तथा भाषाई अल्पसंख्यकों में बांग्ला बोलने वाले गैरमुस्लिम बंगाली हैं। इसीलिए बंगाल में भी इसका काफी दुष्प्रभाव पड़ने वाला है। बीजेपी एंड कंपनी इसका फायदा लेने का प्रयास कर रही है।" बसपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा-आरएसएस की संकीर्ण विभाजनकारी नीतियों के कारण असम में आज ऐसा अनर्थ परिणाम आया है। 31 दिसंबर को अंतिम सूची के प्रकाशन के बाद यह देश के लिए एक ऐसा उन्माद व सरदर्द बनकर उभरेगा, जिससे निपट पाना बहुत ही मुश्किल होगा। मायावती ने कहा कि असम के एनआरसी मामले में भाजपा खुद को पूरी तरह मासूम व निर्दोष बनने का प्रयास कर रही है और बड़ी चालाकी से इस मामले में सब कुछ न्यायालय पर थोप रही है। यही भाजपा है, जिसकी केंद्र व राज्य सरकारें पवित्र संविधान व न्यायालय के आदेशों की कितनी अवहेलना कर रही है, यह सारा देश देख रहा है।

उन्होंने कहा कि ताजा मामला न्यायाधीशों की नियुक्ति व ताजमहल को संरक्षित रखने का है, जिसके संबंध में उच्चतम न्यायालय को बार-बार भाजपा सरकारों को फटकार लगानी पड़ रही है। बसपा प्रमुख ने कहा, "बीजेपी व आरएसएस एंड कंपनी पूरे देश में खासकर दलितों, आदिवासियों, अन्य पिछड़े वर्गो व धार्मिक अल्पसंख्यकों को हर प्रकार से अपनी संकीर्ण, जातिवादी, सांप्रदायिक एवं विभाजनकारी नीति का शिकार बनाने का अभियान जारी रखे हुई है। इस कंपनी के शासन से कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक देश की जनता त्रस्त है।" मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में खासकर दलितों, आदिवासियों, अन्य पिछड़े वर्गों एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों में खासकर मुसलमानों के खिलाफ इनका जातिवादी, धार्मिक द्वेषपूर्ण व राजनीति के साथ-साथ सरकारी मशीनरी का भी घोर दुरुपयोग करना लगातार जारी है। इनके लोगों के खिलाफ धड़ल्ले से गैंगेस्टर व अन्य कानूनों के तहत कार्रवाई करके इन्हें जेल भेजा जा रहा है, जबकि वास्तविक अपराधियों को जातिगत व धार्मिक आधार पर छोड़ दिया जा रहा है। बसपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा की केंद्र व राज्य सरकारों पर देश के खासकर दलितों, आदिवासियों, अन्य पिछड़े वर्गों एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों में से खासकर मुस्लिम समाज के लोगों को भरोसा कतई भी नहीं करना चाहिए कि वे उनके हित व कल्याण की रत्तीभर भी परवाह करेगी। अब लोकसभा के चुनावी वर्ष में तो ये और भी ज्यादा इन पर जुल्म-ज्यादती करेगी। इसके साथ-साथ यह भी स्पष्ट है कि इन वर्गों के मामले में भाजपा वाले जो कहते हैं, करते ठीक उसका उल्टा हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: