बिहार : नीतीश-मोदी के इस्तीफे की मांग पर पूरे बिहार में कैंडल मार्च. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 14 अगस्त 2018

बिहार : नीतीश-मोदी के इस्तीफे की मांग पर पूरे बिहार में कैंडल मार्च.

पटना में जीपीओ गोलंबर से बुद्धा स्मृति पार्क तक निकला कैंडल मार्च - वामपंथी नेताओं के अलावा पटना शहर के गणमान्य हस्तियों ने लिया हिस्सा, स्वतंत्रता आंदोलन की पूर्व संध्या पर ‘खौफ से आजादी’ का आह्वान, उमर खालिद पर जानलेवा हमले की गई निंदा, कोरस ने ‘रेलगाड़ी’ नुक्कड़ नाटक के जरिए महिलाओं पर हिंसा का किया विरोध
candel-march-in-bihar-to-resign-nitish-modi-by-cpi-mlपटना 14 अगस्त, स्वतंत्रता आंदोलन की पूर्व संध्या पर आज मुजफ्फरपुर सहित बिहार के सभी शेल्टर गृहों की लड़कियों व महिलाओं के न्याय के सवाल पर पटना सहित राज्य के विभिन्न जिला मुख्यालयों पर कैंडल मार्च निकाला गया. आरा, मुजफ्फरपुर, नालंदा, बेगूसराय, अरवल, जहानाबाद, सिवान, बेतिया, दरभंगा आदि जगहों में कैंडल मार्च निकालकर प्रतिरोध सभा की गई और बालिका गृह कांडों के लिए जिम्मेवार नीतीश-मोदी से इस्तीफे की मांग की गई. पटना में जीपीओ गोलबंर से वाम दलों व पटना के न्यायप्रिय नागरिकों ने कैंडल मार्च निकाला और स्टेशन रोड होते हुए बुद्धा स्मृति पार्क पहुंचे. इसमें भाकपा-माले, सीपीआई, सीपीआईएम, एसयूसीआईसी, फारवर्ड ब्लाॅक आदि पार्टियों के नेता शामिल थे. ऐपवा सहित अन्य महिला संगठन भी कैंडल मार्च में शामिल थे. मार्च के दौरान बालिका गृह कांडों के जिम्मेवार नीतीश-मोदी इस्तीफा दो, बलात्कारियों का राजनीतिक संरक्षण नहीं चलेगा, मोदी तेरे राज में नहीं सुरक्षित नारी है, भाजपा-जदयू की बलात्कारियों से यारी है आदि नारे लग रहे थे. बुद्धा स्मृति पार्क में कोरस की टीम ने अजीमुल्ला खां का गीत हम हैं इसके मालिक गीत और महिलाओं पर हो रही हिंसा पर तैयार किया गया नुक्कड़ नाटक ‘रेलगाड़ी’ का प्रदर्शन किया. तत्पश्चात सभा आरंभ हुई जिसकी अध्यक्षता माले के वरिष्ठ नेता राजाराम ने की.

सभा को संबोधित करते हुए सीपीआईएम के राज्य सचिव मंडल सदस्य अरूण मिश्रा ने कहा कि शेल्टर गृहों में यौन उत्पीड़न का मामला जिस स्तर पर पहुंच गया है उसमें नीतीश कुमार व सुशील मोदी को अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए. लेकिन ये नेता ऐसा नहीं कर रहे हैं. अब तो लड़कियों की संदिग्ध मौतें हो रही हैं. हमें पूरी आशंका है कि आसरा शेल्टर होम की उन दो महिलाओं की मौत नहीं बल्कि हत्या की गई है. ऐसी स्थिति में नीतीश जी को अपने पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है. भाकपा-माले की केंद्रीय कमिटी की सदस्य व ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी ने कहा कि कल हम आजादी की वर्षगांठ मनाएंगे लेकिन हमारी बेटियां गुलामों से भी बदतर जिदगी जी रही हैं. हमारे सत्ताधारियों ने ही उन्हें दलदल में ढकेल दिया है जहां उनके दर्द का कोई अंत नहीं. नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार बताएं कि शेल्टर गृह में रहने वाली लड़कियों के लिए आजादी के क्या मायने हैं? उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में ही खौफ का माहौल बना दिया गया है. दिल्ली में पार्लियामेंट के इलाके में उमर खालिद पर गोली चलती है. आज देश के छात्र-नौजवान, छात्रायें, कमजोर व अलपसंख्यक समुदाय के लोग खौफ में जी रहे हैं. हमें इस खौफ से आजादी चाहिए.

भाकपा के जिला सचिव रामलला सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 15 वर्षों में बिहार में एक नए किस्म का माफियातंत्र विकसित हुआ है जिसके तहत सरकारी संसाधनों की संस्थागत लूट व उत्पीड़न अनवरत जारी है. गैर सरकारी संगठनों को सरकार में भागीदार बनाने की नीतीश सरकार की नीतियों ने बालिका गृहों को सेक्स रैकेट व चाइल्ड एब्यूज का केन्द्र बना दिया है. इन्हीं नीतियों ने सृजन घोटाले, मनरेगा लूट और जीविका-शिक्षा-शौचालय-दवा आदि घोटालों को जन्म दिया.  सभा को एसयूसीआईसी के सूर्यंकर जितेन्द्र ने संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं की आजादी व शेल्टर होम गृहों को यातना गृह बनाए जाने के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी. अखिल हिंद फारवर्ड ब्लाक के अशोक कुमार ने भी सभा को संबोधित किया. इस मौके पर प्रख्यात साहित्यकार आलोक धन्वा, पटना विवि के पूर्व शिक्षक प्रो .शंकर आशीष दत्त, मुनीमा समी, माले के वरिष्ठ नेता केडी यादव, शशि यादव, सीपीआई के रवीन्द्र नाथ राय, इरफान अहमद, गजनफर नबाव, सीपीआईएम के गणेश प्रसाद सिंह व मनोज चंद्रवंशी, आइसा के विकास यादव व रामजी यादव, एआईएसएफ के सुशील कुमार, इनौस के नवीन कुमार आदि नेता उपस्थित थे.

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