पटना, 12 अगस्त, मौर्य शक्ति के प्रदेश सचिव आनन्द सम्राट कुशवाहा ने कहा कि भारतीय संविधान में सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी ने आरक्षण की व्यवस्था किया था जिससे उनको सरकारी नौकरी में मदद मिल सके पर आजादी के 70 साल बाद भी उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हो पाया है जिसके कारण उन्हें आजतक आरक्षण का हकदार माना जाता है और ये जरूरी भी है उसके बाद ओबीसी को भी आरक्षण के लिए सिफारिश आने लगी सरकार ने उसके लिए मंडल कमीशन बनाया और जांच का आदेश दिया मंडल कमीशन ने सही ठहराते हुए ओबीसी को भी आरक्षण देने की सिफारिश कर दिया अब जनरल कैटोगरी के लोग भी अपने लिए आरक्षण की मांग कर रहे हैं या आरक्षण को खत्म करने की बात कह रहे हैं जबकि सच तो ये है कि लगभग 60 फ़ीसदी उच्च पदों पर जेनरल वाले कब्जित हैं जबकी न्यायालय में यह प्रतिशत बढ़कर 80 से 85 हो जाता है उसके बाद भी आरक्षण के लिए आंदोलन किया जा रहा है तो मेरा मानना है कि आरक्षण को 100% कर दिया जाय जिसकी जितनी हिस्सेदारी उसकी उतनी भागेदारी किया जाय जिससे कोई किसी का आरक्षण नहीं खायेगा जिसका जितना प्रतिशत जनसंख्या होगा उसे उतना प्रतिशत आरक्षण दिया जाय इससे आरक्षण आंदोलन पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है
सोमवार, 13 अगस्त 2018
जिसकी जितनी हिस्सेदारी उसकी उतनी भागेदारी हो ? : आनन्द सम्राट
Tags
# बिहार
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
बिहार
Labels:
बिहार
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें