- स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी जी की हुई भेंट वार्ता
- गंगा में गिरते नालों, हरिद्वार, इलाहाबाद और वाराणसी के सौंद्रर्यीकरण और हरित तीर्थीकरण पर हुई स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी एवं श्री नितिन गडकरी जी की विस्तृत चर्चा 2 अगस्त को हुई
- छु लिया आज एक भगीरथ ने मेरे दिल को -पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वतीजी
ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के संस्थापक एवं गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी जी की मुलाकात दिल्ली में हुई। स्वामी जी महाराज, ने गंगा में गिरते नालों, हरिद्वार, इलाहाबाद और वाराणसी के सौद्रर्यीकरण, हरित तीर्थीकरण, डच तकनीकी एवं भारतीय पद्धति की जिओ ट्यूब तकनीकी के आधार पर इलाहाबाद में गंगा में गिरते नालों के जल को स्वच्छ जल में परिवर्तित करना आदि विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। स्वामी जी महाराज ने ऋषिकेश के चन्द्रभागा नाले पर जल स्वच्छ करने वाली मशीन जो डच तकनीक पर आधारित है उसी तरह इलाहाबाद में गंगा में गिरते नालों को टेप करने का सुझाव मंत्री जी को दिया दिया। इस बैठक में कुम्भ नगरी ’इलाहाबाद, वाराणसी और हरिद्वार के सौंद्रर्यीकरण एवं हरित तीर्थीकरण’ पर विस्तृत चर्चा हुई। स्वामी जी ने कुम्भ क्षेत्र और तीर्थ स्थलों पर किल वेस्ट, कचरा संयोजन मशीनों को लगाने का भी सुझाव दिया जिससे गीले एवं सूखे कूडे़ का प्रबंधन किया जा सके साथ ही जैविक एवं हरित शौचालयों केे निर्माण एवं प्रबंधन पर भी स्वामी ने जोर दिया जिससे तीर्थक्षेत्र खुले में शौच से मुक्त हो सके तथा इन तीर्थ क्षेत्रों की सड़कों पर भी ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंनेे कहा कि देश-विदेश से आने वाले यात्रियों की मूलभूत आवश्यकतायें पूरी हो और वे तीर्थक्षेत्र को भी अपने घर की तरह महसूस कर सके। साथ ही इन मूलभूत आवश्यकताओं का उचित प्रबंधन भी हो ताकि बनने के बाद उनका उपयोग एवं प्रबंधन होता रहे। उस प्रबंधन एवं स्वच्छता को देखकर लोगों को संदेश मिल सके। स्वामी जी ने कहा कि कचरा प्रबंधन, स्वच्छता प्रबंधन एवं जल संरक्षण के साथ पूरा कुम्भ क्षेत्र पूरे विश्व के लिये उदाहरण स्थल बनेगा। उन्होंने कहा कि वैसे भी इलाहाबाद, वाराणसी और हरिद्वार और हर की पौड़ी क्षेत्र ने पूरे विश्व को अपनी ओर आकर्षित किया है अब इस क्षेत्र को और सुन्दर, अद्भुत और अविस्मर्णीय बनाना है।
हरिद्वार सौंदर्यीकरण के संदर्भ में पहली बैठक स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और केंद्रीय परिवहन और जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी जी के मध्य पहले भी हुई थी। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि आज गंगा के एक भगीरथ से मुलाकात हुई उनका संकल्प, क्रिया शक्ति, इच्छा शक्ति सचमुच अद्भुत है। उन्होंने कहा कि आज देश को देश की नदियों को गडकरी जी जैसे हजारों भगीरथ चाहिये जो माँ गंगा और देश की नदियों के लिये सामने आये और भगीरथ जैसी उत्कृट इच्छाशक्ति रखने वाले मानव चाहिये। साथ ही जब नालों की बात हुई तो ऋषिकेश का चन्द्रभागा नाला जो एक पायलट प्रोजेक्ट बनकर सामने आया है जो केवल पांच दिन की गंगा सेवा से पूर्ण हुआ। जब मंत्री जी ने उसे देखा, उसकी रिपोर्ट देखी तब जो उन्होंने कहा तो स्वामी जी ने कहा कि वह बात मेरे हृदय को छु गयी। ’’छु लिया आज एक भगीरथ ने मेरे दिल को’’ क्योंकि बात गंगा की हो तो इस देश की होती है, संस्कृति की होती है, संस्कारों की होती है और इस देश की महानता की होती है। स्वामी जी ने कहा कि जिस देश के महान प्रधानमंत्री ने एक संकल्प लिया हो कि गंगा ने मुझे बुलाया है; गंगा के लिये समर्पण किया हो तो वह कार्य पूर्ण होना अतिआवश्यक है इसलिये हम सब को मिलकर इस कार्य के लिये लगाना होगा, सबको जोड़ना और जुड़ना जरूरी है। स्वामी जी ने कहा कि सरकार अपने स्तर पर कार्य कर रही है साथ ही समाज, संस्थायें और भारतीय मिलकर कार्य करें तो भारत के लिये कुछ भी असम्भव नहीं है। हर भारतीय इसे कर सकता है।
माननीय मंत्री जी ने स्वामी जी से नालों के विषय में बने प्लान के बारे में जानकारी ली स्वामी जी उन्हे अवगत कराया कि ऋषिकेश, हरिद्वार, गंगोत्री, यमनोत्री, देवप्रयाग और बद्रीनाथ के नालों को टेप करने की शुरूआत कर दिजिये हम आपके साथ है इस अद्भुत वाक्य एक मंत्री नहीं बल्कि गंगा का एक भगीरथ ही बोल सकता है। स्वामी जी ने कहा कि इस बैठक के पश्चात मुझे लगता है अब नाली पर मनेगी देव दिवाली; अब नाला और माला चलेंगे साथ साथ। अब हमारी यही माला हो की अब हर नाला स्वच्छ बने, स्वस्थ बने और सुन्दर बने तथा स्वच्छ भारत अभियान की गाथा लिखे। स्वामी जी ने सभी से आह्वान किया कि आईये जुड़े इस महाअभियान से चुंकि गंगा सबकी है सबको साथ मिलकर कार्य करना होगा।
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