नई दिल्ली, 3 अगस्त, सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी को लेकर दिशानिर्देश जारी करने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति आर. भानुमति और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ ने कहा कि यह याचिका कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है और इसके साथ ही उन्होंने याचिकाकर्ता को सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन में चार सप्ताह के अंदर जुर्माने के तौर पर 25,000 रुपये जमा करने के निर्देश दिए। यह याचिका रिपक कंसल ने दाखिल की थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि निजी अस्पताल बेवजह सिजेरियन सर्जरी करते हैं। याचिकाकार्ता ने अपनी याचिका में कहा कि ऐसे कई उदाहरण है जिसमें भारत के निजी अस्पताल केवल पैसे कमाने के लिए बिना चिकित्सीय कारणों से सिजेरियन ऑपरेशन करते हैं।
शनिवार, 4 अगस्त 2018
सिजेरियन डिलीवरी को लेकर दिशानिर्देश याचिका खारिज
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