पटना, 29 अगस्त। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव सत्य नारायण सिंह ने महाराष्ट्र पुलिस द्वारा मानवाधिकार कार्यकत्र्ताओं और बुद्धिजीवियों के घरों पर देष भर में की गई छापेमारियों और सुधा भारद्वाज, बिरनौन गौनसेव्स, गौतम नवलखा, नटवारा राव और अरूण फरेरा की गिरफ्तारी की कड़ी निन्दा की है और इनको अविलंब रिहा करने की मांग की है। आज यहां जारी अपने बयान में सत्य नारायण सिंह ने कहा कि ये सभी व्यक्ति दलितों और समाज के अन्य दबे-कुचले लोगों के न्याय के लिए लड़ने वाले व्यक्ति हैं। मेरा पूरा विष्वास है कि ये छापेमारियाँ और गिरफ्तारियाँ ईद और गणेष चुर्तदषी के अवसर पर मंुबई बम ब्लास्ट के जिम्मेवार सनातन संस्था के लोगों तथा उनकी साजिषों से देष के लोगों का ध्यान विचलित करने के लिए की गई है। महाराष्ट्र पुलिस की यह अलोकतांत्रिक कार्रवाई गौरी लंकेष, दाभोलकर, गोविन्द पंसारे और दसरे विवेकषील व्यक्तियों की हत्या से लोगों का ध्यान बाॅटने के लिए की गई है। भीम कोरेगांव में दलितों के खिलाफ की गई हिंसा के बाद केन्द्र और महाराष्ट्र की भाजपा सरकार ने माओवादी आन्दोलन से जुड़े होने के झुठे और मनगढ़न्त आरोप लगाकर देष के बुद्धिजीवियों, मानवाधिकार कार्यकत्र्ताओं और दलितों एवं आदिवासियों के हितों के लिए काम करने वाले लोगों के खिलाफ ऐसी खेदजनक कार्रवाई की योजना बनायी है। लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों पर इन हमलों ने वर्तमान सरकार के फासीवाद चरित्र को बेनकाब कर दिया है भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने आह्वान किया है कि भारतीय नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों की हिफाजत के लिए सभी लोकतांत्रिक, सेक्यूलर और वामपंथी शक्तियों को एकजुट होकर इस भाजपा सरकार की इस घातक कार्रवाई का विरोध करने के लिए आगे आयें।
बुधवार, 29 अगस्त 2018
बिहार : भाकपा ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के गिरफ्तारी की निंदा दी
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