पटना (आर्यावर्त डेस्क) 12 अगस्त 2018, भाकपा-माले की बिहार राज्य कमिटी ने सीपीआईएम के पूर्व राज्य सचिव विजयकांत ठाकुर के निधन पर शोक व्यक्त किया है. पार्टी की ओर से जारी शोक संदेश में भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि उनकी मृत्यु से वामपंथी आंदोलन को झटका लगा है. भाकपा-माले ने अपने शोक संदेश में कहा है कि का. ठाकुर ऐसे वक्त में हमसे अलग हुए जब देश में फासीवादी ताकतें सत्ता में हैं और दलित-गरीबों, अकलियतों, महिलाओं, मजदूर-किसानों, छात्र-नौजवानों, वामपंथियों-कम्युनिस्टों को अपना निशाना बना रही हैं. का. ठाकुर वामपंथी एकता के बड़े समर्थक थे. आज यह अच्छी बात है कि बिहार सहित देश के विभिन्न हिस्सों में वामपंथी पार्टियों की एकता निर्मित हो रही है. इसी के बल पर फासीवादियों को पीछे धकेला जा सकता है. माले पोलित ब्यूरो सदस्य काॅ. धीरेन्द्र झा दिवंगत का. ठाकुर के घर पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा कि आज न केवल दरभंगा बल्कि मिथिलांचल ने अपना एक बड़ा नेता खो दिया है. लंबी उम्र में भी वे राजनीतिक तौर पर पूरी तरह सक्रिय थे. का. ठाकुर सोशलिस्ट राजनीति से शुरूआत करके कम्युनिस्ट राजनीति में जुड़ने वाले नेताओं में अग्रणी थे. अविभाजित दरभंगा जिला के लंबे समय तक वे जिला सचिव रहे, जब दरभंगा, मधुबनी व समस्तीपुर एक ही जिला हुआ करते थे. मिथिलांचल में वामपंथ के इस बड़े नेता का इस दौर में जाना वामपंथी आंदोलन को बड़ी क्षति है.
शेल्टर गृहों में यातना अब भी जारी, पटना के शेल्टर होम मे ंदो लड़कियों की मौत खड़े करती कई सवाल: माले भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि देशव्यापी आंदोलन और पटना उच्च न्यायालय के निर्देशन में सीबीआई जांच के बावजूद शेल्टर गृहों में लड़कियों को दी जा रही यातनाएं तनिक भी कम नहीं हुई है. पटना शहर के आसरा होम शेल्टर में दो लड़कियों की संदेहास्पद मौत इसका उदाहरण है. पीएमसीएच के अधीक्षक के बयान से साफ है कि दोनों लड़कियों की मृत्यु हाॅस्पीटल में आने के पहले हो चुकी थी. प्रशासन को इसकी सूचना 36 घंटे बाद दी गयी. जाहिर है ये मौतें सामान्य नहीं है. उन्होंने कहा कि ब्रजेश ठाकुर के खिलाफ पहली गवाही देने वाली भी लड़की गायब है. इसका क्या मतलब निकाला जाए? क्या अब गवाहों व सबूतों को मिटाने की कोशिश की जा रही है? पहले बेटियों से बलात्कार किया गया और अब उनको मार दिया जा रहा है. भाजपा-जदयू शासन का असली चरित्र पूरी तरह बेनकाब है. इसके खिलाफ न्याय का आंदोलन जारी रहेगा.
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