विजय सिंह,आर्यावर्त डेस्क,बैंगलोर ,5 अगस्त , निजी क्षेत्र की प्रमुख एयरलाइन्स कंपनी जेट एयरवेज की ख़राब माली हालत की वजह से जेट एयरवेज का परिचालन बंद होने और बेचे जाने की ख़बरें मिली हैं.हमें प्राप्त सूचनाओं के मुताबिक जेट एयरवेज के पास एयरलाइन्स परिचालन के लिए जरुरी धन की कमी बताई जा रही है और बड़े पैमाने पर कर्मचारियों के वेतन व सुविधाओं में कटौती तथा छंटनी की आशंका की जा रही है. मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली और अन्य शहरों में जेट में कार्यरत कुछ विभागों के कर्मचरियों की छुट्टी कर दी गयी है और कुछ तकनीकि विभाग के अधिकारीयों के वेतन में कटौती के साथ सुविधाओं में कमी की गयी है. बताया जाता है कि जेट एयरवेज के अध्यक्ष नरेश अग्रवाल कंपनी को घाटे से उबरने और वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए बाह्य निवेशकों से भी संपर्क कर रहे हैं. संपर्क करने पर जेट एयरवेज ने ऐसी किसी भी सम्भावना से इंकार किया है और जेट एयरवेज के बंद होने अथवा बेचे जाने सम्बन्धी ख़बरों को भ्रामक कहा है. जेट एयरवेज इंडिया लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय दूबे ने लाइव आर्यावर्त को जानकारी दी कि विगत 25 वर्षों से परिचालित जेट एयरवेज अपने स्थायित्व और विकास को लेकर गंभीर है और इसी दृष्टिकोण से 225 नए बी 737 ईंधन कुशल विमानों को अपने बेड़े में शामिल करने जा रही है जिसे 11 विमान इसी वित्तीय वर्ष में शामिल किये जा रहे हैं. लाइव आर्यावर्त को भेजे गए संचार में जेट एयरवेज ने स्वीकार किया है कि ईंधन की बढ़ती कीमतों और हवाई यात्रा के टिकटों की कम कीमतों की असमानता की वजह से परिचालन में दिक्कतें जरूर आ रही हैं,जिसके लिए जरुरी कदम उठाये जा रहे हैं जिनमें वेतन भत्ता ,सुविधाएँ, रख रखाव व परिचालन सरलीकरण शामिल है. हालाँकि जेट एयरवेज ने इन सबके बीच यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सजगता का आश्वासन भी दिया है.
रविवार, 5 अगस्त 2018
जेट एयरवेज में स्थायित्व पर संशय, कंपनी का इंकार
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