बिहार : 37 साल से बुलु मंडल जमीन से बेदखल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 22 अगस्त 2018

बिहार : 37 साल से बुलु मंडल जमीन से बेदखल

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समेला,(डूमर)। स्व.कारू मंडल के  दिव्यांग पुत्र हैं बुलु मंडल. आंख से चालीस प्रतिशत विकलांग हैं.    डूमर गांव में रहते हैं.डूमर पंचायत के वार्ड नम्बर-6 में पत्नी मालती देवी के साथ 2 लड़के व 3 लड़कियां रोड के किनारे झोपड़ी में रहते हैं.बिहार भूदान यज्ञ कमिटी द्वारा 31. 07. 1981 को 41 डिसमिल जमीन जीविकोपार्जन के लिए दिया गया. यह जमीन बर्मा सेल बांध के पास है. 37 साल से बुलु मंडल प्रदत्त भूमि से बेदखल है. इनकी सुधि लेकर बिहार भूदान यज्ञ कमिटी के अध्यक्ष शुभमूर्ति ने समाहर्ता, समाहरणालय ,कटिहार को दिनांक 11.12.17 को पत्र लिखा. इस प्रकार  पत्र का विषय है - आदाता को प्रदत्त भूदान भूमि पर दखल कब्जा दिलवाने एवं नामान्तरण करने के संबंध. पत्र में  कहा गया है कि बुलु मंडल,पिता-कारी मंडल हैं.कार्यालय में पत्र देकर सूचित किया है कि मौजा-डूमर,थाना नं.87,अंचल-फलका,जिला-कटिहार के खाता नं.450,खेसरा नं.1672 में 41 डिसमिल का भूदान प्रमाण-पत्र इन्हें मिला है किन्तु अंचल कार्यालय द्वारा रसीद नहीं काटी जा रही है तथा आदाता प्रदत्त भूमि से बेदखल हैं. विभिन्न जगहों पर आवेदन देकर बुलु मंडल थकहार गए हैं.मुख्यमंत्री जनता दरबार में आवेदन दिए.आवेदन सं.01090144041 है.जिला भूदान यज्ञ कार्यालय,कटिहार के पत्रांक 17/13-14 दिनांक 29.8.13 है.कोई कार्रवाई नहीं हुई. बुलु मंडल कहते है कि 1987 में बाढ़ आयी थी.सर्वेक्षण करने वाले ने नाम में हेराफेरी कर दिए.बाबू जी का नाम कारू मंडल है और कर दिया कारी मंडल.मेरा नाम बुलु मंडल है और दिया सुरज मंडल.मेरी पत्नी का नाम है मंजू देवी और कर दिया मालती देवी.इसके कारण कोर्ट से हमेशा नाम का प्रमाणित करवाना पड़ता है.इसमें खर्च करना पड़ता है.आगे कहते हैं कि कर्मचारी 30 हजार रू.में नामांतरण और रसीद काटने में सहमत हो गए.पांच हजार रू.दिया गया.शेष राशि नहीं भरपाई करने से मामला ठंडा पड़ गया है.छोटी -सी दुकान है उसी से दो जून की रोटी चलती है.

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