पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के सान्निध्य में वीरपुर में किया वृक्षारोपण, हरियाली तीज पर पृथ्वी को हरा-भरा करने का दिया संदेश, पेड़ों में है मानव जीवन का अस्तित्व-पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वतीजी
ऋषिकेश, 13 अगस्त। परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के पावन सान्निध्य में विश्व के अनेक देशों से आये युवाओं ने वीरपुर में हरियाली तीज के अवसर पर वृक्षारोपण कर धरती के दामन को हरियालीयुक्त करने का संदेश दिया। हरियाली तीज सावन माह के शुक्लपक्ष की तृतीय को मनाया जाता है इस दिन महिलायें श्रृंगार कर माँ पार्वती और भगवान शंकर की पूजा अर्चना कर समृद्धि की कामना करती है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने हरियाली तीज पर पौधे लगाकर धरती का श्रृंगार करने का संदेश दिया। सावन माह हमें प्रकृति जुड़ने का पर्यावरण के प्रति समर्पण की शिक्षा देता है। स्वामी जी ने कहा कि प्रकृति के साथ अपना रिश्ता बना कर रखे क्योकि जिस दिन प्रकृति ने हमसे रिश्ता तोड दिया तो कोई भी जीवित नहीं रह सकता। उन्होने कहा कि जब तक प्रकृति में संतुलन बना है तब तक ही मानव जीवन संतुलित रह सकता है अब हमारे हाथों में है कि हम पृथ्वी को एक सजीव ग्रह बनाये या निर्जन ग्रह? स्वामी जी ने कहा कि पेड़ों में हमारे जीवन का अस्तित्व समहित है और पेड़ प्रकृति की देन है। पौधों, मनुष्य के लिये अमूल्य धरोहर है हमारा छोटा सा कदम इस अमूल्य धरोहर को सुरक्षित रख सकता है आईये मिलकर वृक्षारोपण करे। साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि तीज-त्योहारों पर धार्मिक आस्था के साथ थोड़ी फ्रिक पर्यावरण संरक्षण की भी करे तो निश्चित रूप से प्रदूषण के कारण बढ़ती बीमारियों को कम किया जा सकता है। श्री शिव खेमका जी ने कहा कि जीवन की पाठशाला में हमने आज सीखा की किस प्रकार प्रत्येक पर्व और अवसर को प्रकृति को समर्पित कर एक नया अध्याय लिखा जा सकता है। उन्होने कहा कि अगर हम प्रत्येक पर्व और जन्मदिवस एक एक भी पौधा लगाते रहे तो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान होगा। विश्व के अनेक देेशों से आये युवा प्रतिनिधि एवं परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों को वृक्षारोपण एवं पर्यावरण संरक्षण का संकल्प कराया। इस अवसर पर दरगाह शरीफ से पधारे हाजी सैय्यद सलमान चिस्ती साहब, चेयरमैन चिस्ती फाउण्डेशन, उर्वशी खेमका, गायत्री, भवानी, नन्दिनी, अमित, आचार्य संदीप शास्त्री, आचार्य दीपक शर्मा, परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमार एवं अन्य युवा प्रतिनिधियों ने मिलकर वृक्षारोपण किया और प्रकृति के लिये मिलकर कार्य करने का संकल्प कराया
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