नई दिल्ली, 30 अगस्त, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने नोटबंदी को घोटाला करार देते हुए गुरुवार को कहा कि इस कवायद का मुख्य मकसद 15-20 बड़े और हितैषी पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना था, जिनका कर्ज एनपीए (गैर-निष्पादित पूंजी यानी फंसे हुआ कर्ज) में तब्दील हो गया है। राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत के दौरान सवालिया लहजे में कहा, "उन्होंने (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) ऐसा (नोटबंदी) क्यों किया? उनके 15-20 बड़े उद्योगपति मित्रों ने हजारों करोड़ का एनपीए जमा कर रखा था। इसलिए नोटबंदी के जरिए आपका (आम आदमी का) पैसा आपकी जेब से निकालकर सीधे देश के सबसे बड़े और (सरकार) हितैषी पूंजीपतियों की जेब में डाल दिया गया।" उन्होंने कहा कि मोदी के मित्रों ने नवंबर 2016 की नोटबंदी के बाद काले धन को सफेद किया। राहुल ने कहा, "उदाहरण के तौर पर, गुजरात के जिस सहकारी बैंक के निदेशक (भाजपा अध्यक्ष) अमित शाह हैं उसमें नोटबंदी के बाद 700 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ। इसे कोई जुमला नहीं कहा जा सकता है। इसे घोटाला कहा जा सकता है।" कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "सचमुच प्रधानमंत्री मोदी ने वह किया जो पिछले 70 साल में नहीं हुआ। उन्होंने ऐसा (नोटबंदी के जरिए) करके अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया।"
गुरुवार, 30 अगस्त 2018
हितैषी पूंजीपतियों की मदद के लिए की गई नोटबंदी : राहुल गाँधी
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