कोलकाता, 29 अगस्त, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज इस बात पर आश्चर्य जताया कि क्या नोटबंदी इसलिये लागू की गई थी कि काला धन जमा कर रखने वाले कुछ लोग इन्हें चुपचाप बदलवाकर सफेद कर लें। ममता का यह बयान तब आया है जब रिजर्व बैंक ने यह कहा है कि बंद हो चुके लगभग सभी नोट वापस आ चुके हैं। नवंबर 2016 में एक साथ नोटबंदी करने के लिये केंद्र की भाजपा सरकार की आलोचना करने वाली बनर्जी ने कहा कि आरबीआई की रिपोर्ट से नोटबंदी को लेकर तृणमूल कांग्रेस के डर की पुष्टि होती है। फेसबुक पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि वह अब यह जानना चाहती हैं कि काला धन कहां गया? आरबीआई ने आज कहा कि बैंक को आठ नवंबर 2016 को जब नोट बंदी का ऐलान किया गया था तब चलन से बाहर किये गए 500 और 1000 के 15.41 लाख करोड़ मूल्य के नोटों में से 99.3 फीसद बैंक में वापस आ चुके हैं। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘आरबीआई ने 2017-18 के लिये अपनी वार्षिक रिपोर्ट में हमारी आशंकाओं की पुष्टि कर दी। 99.3 फीसदी रूपया बैंकिंग व्यवस्था में वापस आ गया। मेरा पहला सवाल यह है कि काला धन कहां गया? मेरा दूसरा सवाल है कि क्या यह योजना इसलिये लाई गई कि कुछ लोग अपने कालेधन को सफेद में बदल सकें।’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी का ऐलान करने के फौरन बाद बनर्जी ने कहा था कि उन्हें ‘‘पूर्वाभास’’ था कि यह ‘‘बड़ा लोक-विरोधी कदम’’ होगा।
बुधवार, 29 अगस्त 2018
ममता ने केंद्र से पूछा, कहां है काला धन?
Tags
# देश
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
देश
Labels:
देश
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें