बिहार : मनरेगा कर्मिंयों को 177 से कम मजदूरी 125 रू.आंगनबाड़ी सेविका को मिल रहा है - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 14 अगस्त 2018

बिहार : मनरेगा कर्मिंयों को 177 से कम मजदूरी 125 रू.आंगनबाड़ी सेविका को मिल रहा है

इस समय शासकीयकर्मिंयों को सातवां वेतनमान दिया जा रहा है,वहीं मनरेगा कर्मिंयों 177  से कम मजदूरी 125 रू.आंगनबाड़ी सेविका को मिल रहा है, डी.एम.की तरह ही हर काम का निष्पादन आंगनबाड़ी कर्मिंयों द्वारा, 43 साल में 80 रू. में प्रत्येक साल 87.21 रू जोड़ने बना है 3750 रू., 3750 रू.में दम नहीं 18,000 रू.से कम नहीं मांग जायज है
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दानापुर:  बिहार आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की जिलाध्यक्ष कुमारी रंजना यादव का कहना है कि अगर  बिहार सरकार सेविकाओं/सहायिकाओं को संविदाकर्मी नहीं मानती है तो केंद्र व राज्य में सरकार बनाने का दिवा स्वप्न देखना बंद कर दें. जिलाध्यक्ष कुमारी रंजना यादव का कहना है कि आई.सी.डी.एस.के तहत आंगनबाड़ी केंद्र 2 अक्टूबर 1975 से 33 प्रखंडों से शुरू हुआ. आज देश के तमाम प्रखंडों में संचालित हैं.करीब 96 हजार आंगनबाड़ी केंद्र हैं.इसी आंगनबाड़ी केंद्र में बालवाड़ी भी संचालित है.दोहरी कर्तव्य निर्वाह करने वाली सेविका/सहायिका को मनरेगा में कार्यरत कर्मिंयों की मजदूरी 177 रू.से कम 125 रू. देय है. एक सेविका के अनुसार 1975 में मात्र: 80 रू.मानदेय मिलता था.सरकार रेवड़ी की तरह बढ़ोतरी करती रही.1991 में बढ़ोतरी कर 275 रू.किया गया.400,500 और 1000 रू.करने के बाद 2006 में 1500 रू.किया गया.अभी सेविका को 3750 और सहायिका को 1950 रू.मानदेय मिल रहा है.जो काफी कम है.जग जाहिर है कि केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा शासकीयकर्मिंयों  को सातवीं वेतनमान दिया जा रहा है.आंगनबाड़ी कर्मिंयों ने सी.एम.हुजूर से निवेदन किए हैं सरकार अपनी ओर से 3750 रू.में  दम नहीं को देखकर 18000 रू.मानदेय करने का कष्ट करें.

1975 से कार्यशील सेविका कुमाकी रंजना यादव कहती हैं कि हमलोग .
इस तरह का कार्य करते हैं, जिसमें सरकार की 100 प्रतिशत भलाई है.वहीं हमलोगों की 0 प्रतिशत भलाई है.जो काम सरकारी चिकित्सक व नर्स करते हैं उसी तरह का कार्य हमलोग करते हैं.यह सब आंगनवाड़ी सेविका बहनों से करवाया जाता है और वह भी जबरन. अफसर होने का धौंस दिखाकर, डरा व धमका कर कार्य कराया जाता है. सरकार की ओर जितने भी काम है.वह काम हम लोगों से करवाता है.जाति जनगणना , हमलोगों को रजिस्टार बना दिया जाता है.जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन करना पड़ता और प्रमाण पत्र बनाना पड़ता है.इसके अलावे अनेकों काम मौखिक रुप से  करवा जाता है.

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