पटना:बिहार आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की जिलाध्यक्ष कुमारी रंजना यादव ने कहा कि अपने ही आदेश को अधिकारी पालन नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के कल्याण विभाग के पत्रांक -आई.सी. डी.एस./300 10/03/ 2010 768 के माध्यम से मुख्य सचिव नवीन कुमार ने सभी प्रधान सचिव/सचिव,सभी प्रमण्डलीय आयुक्त और सभी जिला पदाधिकारियों को दिनांक 27.02.2012 को लेटर प्रेषित किया.
अन्य किसी विभागों के कार्यों में प्रतिनियुक्ति न हो
आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं को अन्य किसी विभागों के कार्यों में प्रतिनियुक्ति नहीं किया जाए.आई.सी.डी.एस. कार्यक्रम के सफल संचालन में आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं के द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से गर्भवर्ती /धातृ माताओं ,किशोरी बालिकाओं एवं 0-6 वर्ष के उम्र के बच्चों को कई सेवाये यथा- स्कूल पूर्व शिक्षा,पूरक आहार,स्वास्थ्य जांच ,टीकाकरण तथा स्वास्थ्य एवं पोषण शिक्षा संदर्भ सेवाये प्रदान की जाती है.इसके अलावा गर्भवर्ती ,धातृ तथा किशोरी बालिकाओं के लिए सरकारी स्तर पर अन्य योजनाये चलायी जा रही है,जिसमें आंगनबाड़ी सेविकाओं की भूमिका अत्यंत ही महत्वपूर्ण है.
माननीय सर्वोच्च न्यायालय का स्पष्ट निर्देश अमल नहीं
आंगनबाड़ी सेविकाओं/सहायिकाओं को अन्य विभागों से संबंधित कार्यों यथा- जनगणना, बी.पी.एल.,सेन्सस, महात्मा गांधी नरेगा,साक्षरता, वृक्षारोपण आदि कार्यों में प्रतिनियुक्त किया जाता है,जिसके कारण इस अवधि के लिए केंद्र बंद हो जाती है.माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा डब्ल्यू पी नं.196 /2001 में यह स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को पोषाहार कार्यक्रम में कोई व्यवधान उत्पन्न नहीं होना चाहिए. अत: आई.सी.डी.एस.निर्बाध गति से चलते रहे.
आवश्यक निर्देश जारी
आंगनबाड़ी केंद्र की सेविकाओं/सहायिकाओं को आई.सी.डी.एस. कार्य में उनको आवंटित कार्यों के अतिरिक्त किसी अन्य कार्य में नहीं लगाया जाएगा.आंगनबाड़ी सेविकाओं/ सहायिकाओं को स्वास्थ्य से संबंधित ऐसे कार्यक्रमों में लगाया जा सकेगा जो आई.सी.डी. एस.की सेवाओं से संबंधित हो तथा जिसके लिए उन्हें अपना केंद्र छोड़कर अन्य कही जाने की आवश्यकता नहीं हो. आंगनबाड़ी सेविकाओं/ सहायिकाओं को राष्ट्रीय महत्व के कार्यक्रम यथा-पल्स पोलियो के कार्य में लगाया जा सकेगा परंतु उनके द्वारा यह कार्य आंगनबाड़ी केंद्र संचालन की अवधि के अतिरिक्त अवधि में ही किया जाएगा अर्थात केंद्र संचालन की अवधि में वे अपने केंद्र में उपस्थित रहेंगे.
यह क्या हो रहा है?
माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने डब्ल्यू पी नं.196/2001 में निर्देश जारी किया था. इस निर्देश के 10 साल बाद पत्रांक -आई.सी.डी.एस./300 10/03/2011 768 ने जारी किया.इसके आलोक में 11 माह के बाद 27.02.2012 को मुख्य सचिव ने प्रधान सचिव/सचिव,सभी प्रमण्डली आयुक्त और सभी जिला पदाधिकारी को दिशा निर्देश दिया.जो गैर प्रभावित है.17 सालों से एक आंगनबाड़ी केंद्र से अनेकों तरह का कार्य लिया जाता है.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें