बेगूसराय : दिनकर भवन में नवोदित कला मंच की नाट्य प्रस्तुति "चाँद,जमीन का टुकड़ा और मैं। - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 14 अगस्त 2018

बेगूसराय : दिनकर भवन में नवोदित कला मंच की नाट्य प्रस्तुति "चाँद,जमीन का टुकड़ा और मैं।

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बेगूसराय (अरुण कुमार) शहर के दिनकर कला भवन में नाटक "चाँद ज़मीन का टुकड़ा और मैं" का मंचन किया गया। रंग संस्था नवोदित बेगूसराय द्वारा आयोजित सोमवार की संध्या नाटककार श्रीकांत किशोर की रचना *"चाँद ज़मीन का टुकड़ा और मैं"* की सफल प्रस्तुति दिनकर कला भवन के प्रेक्षागृह में की गई। युवा रंगकर्मी अजय कुमार सुमन के निर्देशन में प्रस्तुत - यह नाटक लतिका श्रीवास्तव की आत्मकथा पर आधारित, उसके अपने पुरुष सहपाठियों के साथ स्वतंत्र, निश्छल एवं पवित्र मित्रता का ग़लत नज़रिया निकालते हुए उस पर चरित्रहीनता का आरोप लगाया जाता है और यह मामला थाने से होते हुए न्यायालय तक पहुंचता है। इस दौरान सभी जगहों पर नारी स्वायत्तता के चिथड़े उड़ाए जाते हैं। यह नाटक युवा मन की निर्दोष प्रतिक्रियाओं पर केंद्रित लतिका के जीवन में घटने वाली घटनाओं के जरिए समाज में स्त्री की स्थिति के बारे में कई गंभीर प्रश्नों को व्यक्त करता है। इस नाटक के मुख्य पात्र लतिका श्रीवास्तव की भूमिका में दिव्यांका भारद्वाज, मम्मी-संगीता कुमारी, पिता- सनोज शर्मा, व अभिषेक- रवि राज ने अपने सशक्त अभिनय से नाटक की गति को बनाए रखने का प्रयास किया। वहीं इंस्पेक्टर का किरदार निभाते अजय कुमार सुमन, अर्पित सरकार- मनोज कुमार एवं वक़ील की भूमिका में रवि रंजन कुमार के उत्कृष्ट अभिनय को दर्शकों ने खूब सराहा। नाट्यकला में स्नातकोत्तर हरिशंकर गुप्ता का प्रकाश परिकल्पना नाटक की सौन्दर्यता को और भी अद्भुत बनाने में सफल रहा।

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संगीत संयोजन धर्मेंद्र कुमार पप्पू एवं बंटी ने किया। 
विदित हों की ये नाटक संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से व्यक्तिगत अनुदान योजना के अंतर्गत की गयी। कार्यक्रम का शुभारम्भ गणमान्य अतिथि प्रसिद्ध चित्रकार सीताराम, जिला परिषद अध्यक्ष रवीन्द्र चौधरी, एडिशनल सी.जे.एम.4 - राजीव कुमार भारती, सरिता रानी, ललन प्रसाद सिंह एवं नवोदित के सचिव हरिशंकर गुप्ता के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम का संचालन दीपक कुमार तथा नाटक में सह निर्देशन रवि रंजन कुमार ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में रंगकर्मी अमरेश कुमार अमन, मणिकांत गुप्ता, गंगाराम, चिन्टू एवं सत्यम ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।नाट्य प्रस्तुति सराहनीय रही,किन्तु मंच संचालन कर्ता प्रिय अनुज "दीपक"को अभी और भी बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता है।जो उसे निःसंकोच अपने वरिष्ठ रंगकर्मी अभिजीत मुन्ना,प्रफुल्ल चन्द्र मिश्रा आदि से सीखना चाहिये।इस नाट्य प्रस्तुति मध्य जिले ही नहीं मुम्बई वॉलीवुड के लिये पटकथा लेखक और फ़िल्म निर्देशक प्रद्योत कुमार,वॉलीवुड अभिनेता अमिय कश्यप जिन्होंने बेगूसराय को फिल्मी जगत में एक नाम एक पहचान देने का कार्य किया है।वहीं वरिष्ठ रंगकर्मी कुमार संजय,फ़ैयाजुल हक़ "फ़ैज़",बेगूसराय के चर्चित कवि सह उद्घोषक प्रफुल्ल चन्द्र मिश्रा के साथ आशीर्वाद रंगमंडल के सचिव और आशीर्वाद आई टी आई के डायरेक्टर अमित रौशन भी प्रेक्षागृह में उपस्थित हैं जिन्होंने आआंतरराष्ट्रीय नाट्य महोत्सब बेगूसराय दिनकर भवन में करवा कर कीर्तिमान स्थापित कर चुका है। उनका नाम एकबार भी नहीं लिया गया।इस तरह के मंच संचालन को किसी भी तरह से उत्कृष्ट संचालन तो नहीं ही कह सकते हैं।मंच पर कुर्शी कम है,वहाँ आसीन  करवाना सम्भव नहीं रहता है, सबों को एक साथ मंच पर बुलाना एक तरह से भीड़ लगाना ही माना जाएगा।किन्तु उपर्युक्त वर्णित महानुभाव,वैसे तो ये लोग किसी परिचय का मोहताज नहीं फिर भी प्रोटोकॉल के तहत ये जरुरी हो जाता है ऐसे व्यक्तियों का नाम लेना।

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