बोधगया: सहिष्णुता सवर्णों की पूंजी,गरीब सवर्णों को मिले 25 फीसदी आरक्षण,आरपीआई व शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ के महासचिव ने की मांग। सहिष्णुता सवर्णों की पूंजी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक्ट में संशोधन कर केन्द्र सरकार द्वारा नया एससी-एसटी एक्ट लाये जाने के बाद कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा समाज में विषमता की खाई चौड़ी किए जाने का प्रयास किया जा रहा है।ऐसे में सामाजिक सद्भाव कायम रखने की जिम्मेदारी सवर्णों की बढ़ जाती है। सवर्णों को सहिष्णुता दिखानी होगी। प्रेस को बयान जारी कर रिपब्लिकन पार्टी आॅफ इंडिया के बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ (बिहार)के महासचिव तथा मगध विश्वविद्यालय शिक्षकेत्तर कर्मचारी संघ के महासचिव डाॅ अमरनाथ पाठक ने यह भावना व्यक्त की है।डाॅ.पाठक ने केन्द्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्य मंत्री व रिपब्लिकन पार्टी आॅफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रामदास अठावले के उस बयान का स्वागत किया है जिसमें उन्होंने आठ लाख रूपये वार्षिक आय से कम वाले सदस्यों के लिए 25 फीसदी आरक्षण की मांग की है। कैबिनेट की बैठक में अपनी भावना से उन्होंने प्रधानमंत्री को अवगत करा दिया। आरक्षण की मांग को लेकर गुजरात, महाराष्ट्र व राजस्थान में बड़े आन्दोलन हो चुके हैं। अतः समय की मांग यही है कि संविधान में संशोधन कर गरीब सवर्णों को 25 फीसदी आरक्षण का लाभ दिया जाए।वर्तमान संवैधानिक प्रावधान में वर्णित 50 फीसदी देय आरक्षण में कोई छेड़छाड़ किये बगैर सवर्णों को 25 फीसदी आरक्षण दिये जाने का संवैधानिक प्रावधान लागू किया जाए। शेष 25 फीसदी रिक्त स्थान को प्रतियोगिता के लिए खुला छोड़ दिया जाए।संविधान के इस प्रावधान से किसी समुदाय में कटुता नहीं रहेगा और सामाजिक सद्भाव कायम हो सकेगा।
शुक्रवार, 31 अगस्त 2018
बिहार : गरीब सवर्णों को मिले 25 फीसदी आरक्षण
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