सोशल मीडिया खबर में छपने के बाद सुशील लोबो ने कहा है कि अपने पल्ली परिषद के पार्षद को आवेदन दें, चंदा संग्रह करने पर भी बल दिया
पटना: गैर सरकारी संस्था है संत जेवियर स्कूल.उसी तरह 'येसु समाज' भी है.इसी येसु समाज के प्रोविंशियल हाऊस में कार्यरत थे पीटर डेविड.यहां के हेड कुक थे. रिटायरमेंट के बाद कुछ राशि मिली होगी.पेंशन का प्रावधान नहीं था.सो पेंशन मिला नही और टेंशन में जिंदगी काट ली. किसी तरह से पीटर डेविड ने तिनका जोड़ जोड़कर घर बनाया.पॉश ऐरिया फेयर फील्ड कॉलोनी में घर बना.बाल बच्चा रहने लगे. बाबूजी के निधन के बाद घर में बंटवारा हुआ. वह स्वाभाविक ही है.तब क्या हुआ गरीबी और लाचारी ने एक-एक कर दो भाइयों का मकान बिकवा दिया. इस समय मकान बेचकर बालूपर जोसेफ पीटर रहते हैं. स्टेट बैंक कॉलोनी की चहारदीवारी से सटे बीस बांस की दूरी पर पवन जी के मकान में किराया पर रहते हैं.छोटकी बेटी केयर कर रही हैं. तीन साल से जोसेफ लकवाग्रस्त है.पल्ली पुरोहित और संत विंसेंट डी पौल सोसायटी के सदस्यों को भनक तक नहीं मिलती है. शुक्रगुजार है कि क्रिश्चियन कम्युनिटी फोरम को, जो विपरित परिस्थियों में धमकी सहकर ईसाई जनता की आवाज बुलंद कर पा रहा है.जी जोसेफ पीटर भी मिशनरी हॉस्पीटल की लापरवाही से पत्नी खोया है.छोटे बच्चों को मां-बाप का प्यार देते देते जवानी में बुढ़ा हो गया.हां सिस्टर आन डिसूजा रहती तो जरूर पिघलकर कुछ करती.इस समय कोई जोसेफ पीटर की सुधि लेने वाला नहीं हैं.संपर्क न. है 97710 84254.
इधर सुशील लोबो ने कहा है कि हमारे ईसाई समुदाय व बुध्दिजीवी लोग सदैव ईसाई धर्म के संस्था, संगठन और मिशनरी पर निर्भर होने की दुहाई देते हैं.उस क्षेत्र के पैरिश काउंसिल और अन्य सदस्य को अपना आवेदन पत्र जल्द से जल्द दे . आगे कहा है कि मेरे दोस्त ऐसे गरीबों के लिए हम सभी मिलकर एक सशक्त फंड बनाने की अवश्यकता है. बशर्ते कि इसमे हर समुदाय के ईसाई गण निस्वार्थ होकर सहयोग दें और मिल कर आगे बढ़ाते जाये. कुर्जी पल्ली में अनेकों बार सोशल कॉज के लिए चंदा संग्रह हुआ.इसके बाद पता ही नहीं चला. जिसके पास जमा होता है कुंडली मारकर बैठ जाता है. कथनी और करनी में फर्क नहीं है.जो कार्य करने को राजन साह कहते हैं उसे पूरा करते हैं. लकवाग्रसित जोसेफ पीटर के घर खोजकर मुलाकात किए.
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