नई दिल्ली, 5 अगस्त, न्यूनतम मजदूरी पर दिल्ली सरकार की अधिसूचना दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा रद्द किए जाने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि इस फैसले से श्रमिकों पर भारी वित्तीय दबाव पड़ेगा। केजरीवाल ने श्रंखलाबद्ध ट्वीट में कहा, "दिल्ली में बड़ी संख्या में दैनिक मजदूरी करने वालों की प्रति माह आय 9,500 रुपये से बढ़कर 13,500 रुपये हो गई थी। उच्च न्यायलय के फैसले के बाद अचानक उनकी मजदूरी कम हो जाएगी। उनपर भारी वित्तीय दबाव पड़ेगा। यह फैसला उनके लिए एक बड़ा झटका है।" अदालत ने शनिवार को केजरीवाल सरकार द्वारा पिछले साल जारी दो अधिसूचनाओं को रद्द कर दिया, जिसमें सभी तरह के रोजगार के लिए न्यूनतम मजदूरी में संशोधन और दूसरा इस उद्देश्य के लिए एक सलाहकार समिति की स्थापना करना था। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि कुछ नियोक्ता उच्च न्यायालय के फैसले के कारण श्रमिकों से मजदूरी को वसूलने की योजना बना रहे हैं, जो उन्होंने पिछले साल चुकाई थी। केजरीवाल ने कहा, "अगर यह शुरू होता है तो इससे गरीबों की परेशानियां और बढ़ जाएंगी।" फैसले में अदालत ने कहा है कि समिति की सिफारिशें और दिल्ली सरकार की अधिसूचनाओं ने महत्वपूर्ण पहलुओं को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया था।
सोमवार, 6 अगस्त 2018
दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले से श्रमिकों पर आर्थिक दबाव बढ़ेगा : केजरीवाल
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