नई दिल्ली, 3 अगस्त, सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को करोड़ों रुपये के शारदा चिटफंड घोटाले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम के खिलाफ कार्रवाई करने से मना किया। न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने ईडी से जवाब मांगते हुए मद्रास उच्च न्यायालय की पीठ द्वारा 10 जुलाई को दिए गए आदेश पर रोक भी लगा दी। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में नलिनी को जांच एजेंसी द्वारा भेजे गए समन को निष्प्रभावी करने से मना कर दिया था। नलिनी ने उस आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी। इससे पहले, उच्च न्यायालय की एक एकल पीठ ने भी ईडी के समन के खिलाफ उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। ईडी ने उन्हें कथित धनशोधन घोटाला मामले की जांच में गवाह के तौर पर पेश होने का निर्देश दिया था। धनशोधन के इस मामले में कई प्रमुख राजनेता संलिप्त हैं। एजेंसी ने सात सितंबर, 2016 को नलिनी को समन जारी किया था, क्योंकि उनके नाम का जिक्र शारदा घोटाले के मास्टरमाइंड सुदीप्त सेन के केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को अप्रैल 2013 में लिखे पत्र में किया गया था। आरोप है कि शारदा समूह द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता नलिनी चिदंबरम को टेलीविजन चैनल खरीद सौदे से जुड़े मामले में अदालत और कंपनी कानून बोर्ड में उपस्थित होने के लिए एक करोड़ रुपये दिया गया था।
शनिवार, 4 अगस्त 2018
शारदा चिटफंड घोटाले में नलिनी के खिलाफ कार्रवाई पर रोक
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