बेगूसराय (अरुण कुमार) आजादी के 71वें वर्ष होने को आये,किन्तु आज भी बहुत से ऐसे गाँव जो कि शहर के निकट होने के बावजूद भी साक्षरता के नाम पर 2/4% ही मिलेंगे।इसी बात को ध्यान में रखताके हुए बेगूसराय नेहरु युवा केन्द्र के अध्यक्ष राजीव रंजन की अध्यक्षता में एक शिक्षा,स्वच्छता एवं जागरुकता सेमिनार का आयोजन रक्खा गया।इस आयोजन का उद्घाटन बेगूसराय नेहरु युवा केन्द्र के अध्यक्ष राजीव रंजन डीप प्रज्वलित कर किया।आयोजन उन पिछड़ी जाति के लिये रक्खा गया जो कि स्वयं शहर,गाँव और मोहल्ले की गंदगी तो साफ करता हैं और खुद आज भी गंदगी में ही जीने को बाध्य हैं।अगर गौर से देखा जाय या सोचा जाय कि इसका कारण क्या है तो एक ही बात नजर आएगी वो बात है अशिक्षा की।सरकार ने तो अपनी ओर से डिजिटल इण्डिया बनाने की बात कह रही है,इतना ही नहीं कैश लेश के साथ साथ,स्वच्छता अभियान के तहत घर घर शौचालय भी निर्माण करवा ही रही है किन्तु सरकार यह देखती है कि जो अभियान सरकार के द्वारा चलाया जा रहा है वो धरातल पर भी चल रहा है या नहीं।चलाने और घोषणा करने मात्र से कुछ भी नहीं होनेवाला है क्योंकि सरकार का काम ही है कि तरह तरह के जुमलों में जनता को उलझाए रखो और अपना कार्य/अपनी सरकार बचाये रखो,सरकार का यही काम है।क्योंकि सरकार इस बात को अच्छी तरह से जानती है कि जो बात हमने कही है उसे अगर हम पूरा कर देते हैं तो सभी साक्षर और जागरुक हो जायेंगे फिर हमारी सुनेगा कौन।ये प्रश्नवाचक चिन्ह लगने का भय उन्हें धरातल पर कुछ करने से रोकता है शायद।किन्तु सरकार को ये पता होना चाहिये कि आज भी इस भारतवर्ष के आदमी में इतनी आदमियता तो बची हुई आज भी है,जो दूसरों के हित की बात सोचते हैं।ऐसे में ही नेहरु युवा केन्द्र के अध्यक्ष और समाज सेवी सह जनता अदालत के सदस्य इन मल्लिक समाजों के उत्थान के लिये ये अभियान चलाये।इन्हीं के सौजन्य से मल्लिक युवा समिति का गठन हुआ जिसका पंजीकरण भी हो चुका है।इस समिति के कुछ मल्लिक समाज के युवा शिक्षित होकर अपने समाज में शिक्षा,स्वच्छता के प्रति जागरुकता लाने के लिये राजीव रंजन से मिलकर इस सेमिनार का आयोजन किया।इस आयोजन में अतिथि के रूप में आये हुए दिलीप सिन्हा मल्लिक समाज को सम्बोधित करते हुए ,स्वच्छता के साथ-साथ नशा सेवन के विरुद्ध भी अपनी बात को रक्खा।वहीं बेगूसराय के चर्चित युवा कवि सह उद्घोषक प्रफुल्ल चन्द्र मिश्रा ने शराब बन्दी पर स्वरचित कविता का पाठ किया।ये वो कविता है जिसकी सराहना माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने मंचो से कई बार कर चुके हैं।कविता का कुछ पंक्ति:-माना कि मसले हैं बहुत,वक्त लगेगा ही सुधार में।ये कामिनी शराब क्या गई,बड़ा चैन है बिहार मे........।नरेश मल्लिक ने भी अपनी बात कुछ इसी तरह शिक्षा और स्वच्छता पर प्रकाश डालते हुए कहा।अरुण जी ने भी अपनी बातों से मल्लिक समाज को जागरुक करने के सम्बन्ध में अपनी बात रखी।अन्त में नेहरु युवा केन्द्र के अध्यक्ष राजीव रंजन ने मल्लिक समाज को सम्बोधित करते हुए ये भी कहा कि नारी शक्ति को आगे आने की जरुरत है,नारी वह शक्ति है जिसके गोद मे पुरुष पलते हैं।नारी वह शक्ति है जो एक समाज का निर्माण करती है,पुरुष तो सिर्फ अपना निर्माण करता है।इसलिये नारी शक्ति को आगे आने और लाने की उत्तरदायित्व हम सबों की है।इसी बीच शेर-ओ-शायरी के माध्यम से समाज उत्थान,कल्याण की बातों को कहते हुए बलिया के मल्लिक समाजों में मानो ऐसी ऊर्जा भर दिया जैसे मुर्दे में जान आ गई हो।आयोजित कार्यक्रम मध्य विद्यालय बलिया, बेगूसराय में सम्पन्न हुआ।विद्यालय का सभागार पूरा मल्लिक समाज से भरा हुआ था।अब सरकार देखे ना देखे,करे कुछ या ना करे पर एक बात तो तय है कि इन लोगों में भी जागरुकता आने लगी है,आखिर ये समाज भीमराव अम्बेडकर जिन्हें भारत के संविधान का निर्माण कर्ता माना जाता हैं।इस सेमिनार का कितना असर पड़ा होगा उपस्थित मल्लिक समाजों पर ये तो आनेवाला समय ही बताएगा।
रविवार, 12 अगस्त 2018
बेगुसराय : शिक्षा,स्वच्छता एवं जागरुकता सेमिनार।
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