बेगूसराय (अरुण कुमार) जब जब कछुए ने करवट बदली है धरती को हिला दी है,क्योंकि पौराणिक कथानुसार धरती कछुए पर टिकी है।ठीक इसी प्रकार देश युवा छात्रों पर टिकी है।छात्रों को परेशान किया जाएगा तो सत्ता परेशान ही नहीं सत्ताधारियों को ये पता होनी चाहिये कि परिवर्तन होना भी सम्भव हो सकता है।ये आरक्षण किसके लिये,क्या चाहती है सरकार 80%मार्क्स लानेवाले को दरकिनार करके 40%मार्क्स लानेवालों को ताज और तख्त मुहैया हो,और 80%लेनेवालों को,बेरोजगारी, गुमनामी की जिन्दगी जिये,इसी का परिणाम है आज की ये राज्यव्यापी बन्दी।ये तो महज वानगी है इन युवाओं की ओर से s c/s t के विरोध में में जो आज नजारा जगह जगह देखने को मिला यह बयान करता है कि आरक्षण विरोधी बन्दी यह सफल रहा।नजारों का शुभारंभ गुप्ता बाँध रामदीरी,पानगाछी धाम,मोहन एघु शिवालय चौक,दुर्गा स्थान चौक,हेमरा चौक, रतनपुर चौक,कालीस्थान चौक,मेनरोड डेढ़ीनाथ चौक (शाहिद स्मारक,स्थल)कर्पूरी स्थान,पटेल चौक, टाउनशिप,हर हर महादेव चौक,पावर हाउस चौक बस स्टैंड,रेलवे स्टेशन,स्वामी विवेकानन्द चौक,खातोपुर, रमजानपुर आदि जिले के कई चौक चौराहों सहित गाँव के गलियारों में भी बन्दी को लेकर पुतला दहन, टायर आदि को जलते हुए देखा गया।फिर भी बन्दी शांतिपूर्ण रही,यह बन्दी को क्रांति का रुप ले इससे पहले सरकार को इस आरक्षण पर अवश्य ही विचार कर कोई निर्णायक कदम युवाओं के हितों के लिये उत्थानी चाहिये।इस आरक्षण विरोधी बन्दी में सवर्ण और ओबीसी एक साथ बन्दी में सम्मिलित हुए।अब सोचना सरकार को है।कि करना क्या है।
गुरुवार, 30 अगस्त 2018
बेगूसराय : आरक्षण को लेकर राज्यव्यापी बन्दी सफल।
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