नई दिल्ली, 26 अगस्त , | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं का चुनाव एक साथ कराने पर चर्चा लोकतंत्र के लिए 'स्वस्थ संकेत' है। मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 47वें संस्करण में बाढ़ की त्रासदी से पीड़ित केरलवासियों के साथ एकजुटता जाहिर की। केरल में बाढ़ की विभीषिका में 400 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। प्रधानमंत्री ने मुस्लिम महिलाओं को सामाजिक न्याय के मुद्दे पर देश का समर्थन उनके साथ होने का भरोसा दिलाया। मोदी ने कहा, "आजकल आप देख रहे हैं कि देश में एक साथ लोकसभा और राज्यों के विधानसभाओं का चुनाव कराने के विषय में चर्चा आगे बढ़ रही है। इस विषय के पक्ष और विपक्ष दोनों में लोग अपनी-अपनी बात रख रहे हैं। ये अच्छी बात है और लोकतंत्र के लिए एक शुभ संकेत भी।" मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को 'सच्चा देशभक्त' बताया और कहा कि वाजपेयी ने देश में चुनाव प्रक्रिया में बुनियादी सुधार किए। प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं जरूर कहूंगा कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छी परंपराएं विकसित करना, लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए लगातार प्रयास करना और चर्चा को खुले मन से आगे बढ़ाना, अटल जी को एक उत्तम श्रद्धांजलि होगी।" एक साथ चुनाव कराने को लेकर मोदी की टिप्पणी विधि आयोग द्वारा इस पर विचार-विमर्श कराने के करीब एक महीने बाद आई है। परिचर्चा के दौरान अधिकांश राजनतिक दलों ने इसका विरोध करते हुए इसे संवधिान के विरुद्ध बताया और कहा कि इससे क्षेत्रीय हित कमजोर हो जाएंगे।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक राष्ट्र, एक चुनाव के अपने रुख पर कायम है। मोदी ने सुशासन को देश की मुख्यधारा में लाने का श्रेय दिया और कहा कि वह भारत में सकारात्मक राजनीतिक संस्कृति लेकर आए। मोदी ने कहा, "उनके कार्यकाल में ही बजट पेश करने के समय में परिवर्तन हुआ। पहले अंग्रेजों की परम्परा के अनुसार शाम को 5 बजे बजट प्रस्तुत किया जाता था क्योंकि उस समय लंदन में संसद शुरू होने का समय होता था। वर्ष 2001 में अटलजी ने बजट पेश करने का समय शाम 5 बजे से बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक और आजादी वाजपेयी के कार्यकाल में मिली जब इंडियन फ्लैग कोड बनाया गया। इससे सार्वजनिक स्थलों पर तिरंगा फहराना संभव हुआ। मोदी ने कहा कि भारत हमेशा 91वें संशोधन अधिनियम 2003 के लिए अटल विहारी वाजपेयी का कृतज्ञ रहेगा। इस बदलाव ने भारत की राजनीति में दो महत्वपूर्ण परिवर्तन किए। पहला यह कि राज्यों में मंत्रिमंडल का आकार कुल विधानसभा सीटों के 15 फीसदी तक सीमित किया गया। दूसरा यह कि दल-बदल विरोधी कानून के तहत तय सीमा एक-तिहाई से बढ़ाकर दो-तिहाई कर दी गयी। इसके साथ ही दल-बदल करने वालों को अयोग्य ठहराने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश भी निर्धारित किए गए।
प्रधानमंत्री ने केरल बाढ़ पीड़ितों साथ एकजुटता जाहिर करते हुए कहा कि राज्य में बाढ़ से तबाह हुए लोगों की सहायता के लिए देश के हर कोने से लोग मदद के लिए आगे आए हैं। मोदी ने कहा, "आज के कठिन समय में पूरा देश केरल के साथ है। हमारी संवेदना अपने प्रियजनों को खो चुके परिवारों के साथ है। जीवन की जो क्षति हुई है, उसकी भरपाई तो नहीं हो सकती लेकिन मैं शोक-संतप्त परिवारों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि दुख की इस घड़ी में 125 करोड़ भारतीय आपके साथ खड़े हैं।" उन्होंने कहा, "इस प्राकृतिक आपदा में घायल हुए लोगों के मैं जल्द ठीक होने की कामना करता हूं। मेरा दृढ़ विश्वास है कि राज्य के लोगों के धैर्य व साहस से केरल का फिर उभरेगा।" तीन तलाक के मसले पर मोदी ने कहा, "लोकसभा में तीन तलाक विधेयक को पारित कर दिया गया। हालांकि राज्यसभा के इस सत्र में संभव नहीं हो पाया है। मैं मुस्लिम महिलाओं को विश्वास दिलाता हूं कि पूरा देश उन्हें न्याय दिलाने के लिए पूरी ताकत से साथ खड़ा है।" मोदी ने संसद का मॉनसून सत्र सुचारु तरीके से चलने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, "मॉनसून सत्र में इस बार सबने मिलकर एक आदर्श प्रस्तुत कर दिखाया है। मैं सार्वजनिक तौर पर देश के सभी सांसदों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।" प्रधानमंत्री ने इंडोनेशिया में चल रहे 18वें एशियाई खेल में भारतीय खिलाडियों को उनकी सफलता पर बधाई दी और कहा कि देश के खिलाड़ियों ने उन खेलों में भी पदक जीते हैं जिनमें देश का प्रदर्शन पहले उतना अच्छा नहीं रहा था। मोदी ने कहा, "यह अत्यंत सकारात्मक संकेत है कि अधिकांश पदक विजेता छोटे शहरों और गांवों से हैं। इन खिलाड़ियों ने अपनी कठिन मेहनत के बदौलत कामयाबी हासिल की है।"
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