दुमका : तेजस्विनी परियोजना कर्मियों ने एनजीओ विकास भारती पर लगाया ठगने का आरोप - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 22 अगस्त 2018

दुमका : तेजस्विनी परियोजना कर्मियों ने एनजीओ विकास भारती पर लगाया ठगने का आरोप

महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग व एनजीओ विकास भारती के विरुद्ध कर्मियों ने प्रकट किया अपना आक्रोश 
worker-blame-ngo-for-fraud-dumka
दुमका (अमरेन्द्र सुमन) विकास भारती के माध्यम से महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा चलायी जा रही तेजस्विनी परियोजना में कार्यरत कर्मियों ने वेतन भुगतान को लेकर अपना विरोध प्रारंभ कर दिया है। दिन बुधवार को आउटडोर स्टेडियम, दुमका में  कई अलग-अलग प्रखण्डों के क्लस्टर समन्वयकों, परामर्शदाताओं, ब्रिज एजुकेटरों व युवा उत्प्रेरकों ने संस्था विकास भारती पर आरोप लगाते हुए कहा कि वेतन भुगतान के लिये कर्मी जब कभी कर्मी विकास भारती के दफतर जाते हैं तो उन्हें झिड़क कर भगा दिया जाता है। यहाँ तक कि उनके साथ गाली-गलौज भी यदा-कदा कर दिया जाता है। कलस्टर समन्वयक प्रिया भारती ने कहा कि मार्च 2017 से उनसे यह कहकर कई महीनों तक कार्य लिया गया कि आप सबो की ज्वाईनिंग के बाद ही आपको वेतन का भुगतान किया जाएगा। कई महीनो तक कर्मियो ने बिना किसी भुगतान के काम किया। फरवरी-मार्च 2018 में तमाम कर्मियो को ज्वाईनिंग लेटर दिया गया। उसके बाद इस उम्मीद के साथ कि उन्हें उनके काम का मेहनताना प्राप्त होगा वे काम करते रहे। कई महीनों तक काम करने के बाद भी जब उन्हे वेतन का भुगतान प्राप्त नहीं हुआ तो अंततः विकास भारती के दफतर में उन्होंने अपनी आवाज बुलंद करनी शुरु कर दी। एनजीओ के दुमका इकाई के संचालकों ने तमाम कर्मियों को धमकी देकर भगा दिया कि काम करना है तो करो अन्यथा बाहर का रास्ता देखों। इन कर्मियों का कहना है कि अब वे कहाँ जाएँ। उनका शोषण किया गया है। कलस्टर समन्वयक प्रिया भारती ने कहा कि ईश्वर साह, जितेन्द्र भंडारी, रितेश कुमार, अजय कुमार साह, अमित कुमार साह, अमिता कुमारी, सुमीत कुमार, रीना मिर्धा, रेखा साह, शालीग्राम राउत व ऐसे ही इस जिला में तकरीबन डेढ़ हजार कर्मियों से काम तो लिया जाता रहा किन्तु अभी तक उन्हें उनके हिस्से का वेतन नहीं दिया गया है। तकरीबन डेढ़ वर्ष हुए जा रहे हैं किन्तु अभी तक पेमेंट का कोई हिसाब-किताब नहीं। समाज कल्याण मंत्री डाॅ0 लुईस मराण्डी की उपस्थिति में सभी क्लस्टर समन्वयकों, परामर्शदाताओं, ब्रिज एजुकेटरों व युवा उत्प्रेरकों को ज्वाईनिंग लेटर दिया गया था। इन कर्मियों का कहना है कि राँची की संस्था विकास भारती की दुमका इकाई द्वारा उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। मालूम हो, कलस्टर काॅर्डिनेटर को प्रति माह 8 हजार, काउन्सलर को 7 हजार, ब्रिज एजुकेटर को 6 हजार व युवा उत्प्रेरकों को 5 हजार रुपये प्रति माह के आधार पर नौकरी दी गई है। 

कोई टिप्पणी नहीं: