नयी दिल्ली, 26 सितंबर, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने मंगलवार को कहा कि देश में 40 फीसदी लड़कियां स्कूलों से बाहर हैं। बच्चों की तस्करी से निपटने में शिक्षा की भूमिका पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में एनसीपीसीआर के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने कहा, ‘‘भारत में 18 साल से कम उम्र की 40 फीसदी लड़कियां और 35 फीसदी लड़के स्कूलों से बाहर हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ जो बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं वे बाल दुर्व्यापार के शिकार हो सकते हैं। वे गरीब परिवारों से आते हैं और उनके माता-पिता स्कूलों की फीस जमा करने में असमर्थ होते हैं। ऐसे बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा, उनमें आत्म-सम्मान पैदा करेगी और उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करेगी।’’ कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन (केएससीएफ) द्वारा आयोजित सम्मेलन में कानूनगो ने कहा, ‘‘ शिक्षा से सशक्तिकरण होगा और उस सशक्तिकरण से बाल दुर्व्यापार से निपटने में मदद मिल सकती है। इस दिशा में कारगर प्रयास के तहत 15-18 वर्ष की लड़कियों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा की जरूरत को राज्य को समझना होगा।" बाल अधिकार कार्यकर्ता भुवन रिभु ने सामूहिक जिम्मेदारी की जरूरत पर बल देते हुए कहा, “जब एक बच्चे की तस्करी की जाती है तो उस बच्चे के हर मौलिक अधिकार को छीन लिया जाता है। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी होनी चाहिए कि हर बच्चा मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा पाए और उसका बचपन सुरक्षित और खुशहाल हो।”
बुधवार, 26 सितंबर 2018
भारत में 40 फीसदी लड़कियां स्कूलों से बाहर हैं : एनसीपीसीआर
Tags
# देश
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
देश
Labels:
देश
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें