बेगूसराय : s c/s t एक्ट में संशोधन की माँग को लेकर आज भारत बन्द का असर चिन्तनीय। - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 8 सितंबर 2018

बेगूसराय : s c/s t एक्ट में संशोधन की माँग को लेकर आज भारत बन्द का असर चिन्तनीय।

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बेगूसराय (अरुण कुमार) भारत बन्द के परिणामों को जानने के लिये आज प्रातः सड़क का जायजा लिया तो सब सामान्य ही लगा।सरकारी विद्यालय और निजी विद्यालय छिटपुट खुले नजर आए,सामान्यतः बाजार की दुकानें भी 10 बजे तक खुली ही रही 10 बजे के बाद दुकान आदि बन्द पाए गए।बेगूसराय जिला सत्रन्यायधीश को भी कोर्ट जाने से रोका गया।प्राप्त सूचना के अनुसार मुजफ्फरपुर में पप्पू यादव के साथ मारपीट हुई वहीं जदयू कार्यकर्ता जो कि 4 बजे के बाद सर्किट हाउस से खगड़िया के लिये निकले तो रास्ते में इनियार ढाला के पास उनके साथ भी मारपीट हुई और गाड़ी का शीशा आदि फोड़ दिया गया।इधर पटेल चौक के पास भी जमकर मारपीट हुई उसी मारपीट का वीडियो क्लिप लेते हुये दैनिक भास्कर के पत्रकार केशव ठाकुर को भी मारापीटा गया,इस मारपीट के संदर्भ में कुछएक को पुलिस अपने हिरासत में भी लिया है।प्राप्त सूचना के अनुसार मारपीट दोपहर 01 बजे हुई है और पुलिस गिरफ्तार 2:30 बजे कुछेक युवक को पकड़ कर हिरासत में लिया है।पत्रकारों के साथ अगर ऐसी घटना घटती रही तो फिर पत्रकारों का भी सड़क पर निकलना बन्द हो जाएगा फिर नयूज़ कौन लिखेगा फिर रहना सारी दुनियाँ के खबरों से बे-खबर।खैर आगे बताताके चलूँ की पुलिस जिन युवाओं को हिरासत में ली है उसमें कुछ बे-गुनाह भी शामिल हैं जो उस मारपीट में थे ही नहीं पुलिस आक्रोश में कुछेक को गिरफ्तार किया है कुछ गुनाहगार भी ही सकते है इसमें भी कोई संशय नहीं।खैर जो भी हो साबित करना गुनहगार और बेगुनाहों को तो यह पुलिस के विवेक और गवाह पर निर्भर है,वैसे यह भी बता दूँ की भीड़ की कोई शक्ल-सूरत नहीं होती।आगे ये भी जानकारी दे दूँ की रेल और रोड का चक्का तो जाम हुआ ही साथ में हुआ न्यायधीश के गाड़ी का चक्का जाम,आज सबेरे जब न्यायधीश महोदय कोर्ट जाजे रहे थे तो उन्हें भी कोर्ट जाने से रोक दिया गया और फिर श्रीमान न्यायधीश महोदय अपने गाड़ी को वापस ले अपने आवास को लौट गए जो कि गलत हुआ ऐसा नहीं होना चाहिये था।या यूँ कहें कि उन्हें ही नहीं निकलना चाहिये था दोनो ही बातें सही अपने जगह सही है। अभी अभी नयूज़ लिखने तक जानकारी मिली है कि आज के भारत बन्दी के दौरान एक कि हत्या भी हुई है जो कि भारद्वाज नगर का रहनेवाला था।वैसे इसकी पुख्ता जानकारी अभी नहीं मिला पाई है मिलते ही पुनः प्रकाश में इस विषय को लेकर रक्खा जाएगा।सरकार को इस बात पर अमल करते हुए इस कानून को अमली जामा पहनाए।सरकार इस s c/s t के न्यायालय के फैसले को भी नजर अन्दाज कर दिया जो फैसला माननीय चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने दी थी।सरकार को सोचना पड़ेगा नहीं तो ऐसा प्रतीत होता है कि आज भारत में मजहबी उन्माद से छुटकारा नहीं मिला और जातीय उन्माद सुलगाने में सरकार आगे आगे चलने लगा है।जिसका श्रेय सरकार को ही दिया जाएगा।आनेवाले कल को कुछ ऊँच नीच हो जाएगा तो इसका जिम्मेवार सिर्फ और सिर्फ मौजूदा सरकार को ही माना जाएगा।चिन्हित किया गया व्यक्ति दैनिक बहाकर का पत्रकार है जिसे बन्दी के मध्य हो रहे मारपीट,जिसका यह वीडियो बना रहा था उसी वक्त कैमरा छिनने का प्रयास कर मारा पीटा गया इसके पैरों में काफी चोट है।

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