काठमांडो, 31 अगस्त, नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली द्वारा बिम्स्टेक की अध्यक्षता श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सीरीसेना को सौंपे जाने के साथ ही संगठन का चौथा शिखर सम्मेलन आज समाप्त हो गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बिम्स्टेक के अन्य सदस्य देशों के शीर्ष नेताओं ने नेपाल की राजधानी काठमांडो में आयोजित इस दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य नेताओं की बिम्स्टेक प्रक्रिया को पुनर्जीवित करने की प्रतिबद्धता के साथ यह शिखर सम्मेलन सफलतापूर्वक समाप्त हो गया।' बिम्स्टेक के मौजूदा अध्यक्ष ओली ने काठमांडो घोषणापत्र का मसौदा पेश किया जिसे सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया। समापन सत्र को संबोधित करते हुए ओली ने कहा कि शांतिपूर्ण, समृद्ध और स्थिर बंगाल की खाड़ी क्षेत्र के लक्ष्य को लेकर काठमांडो के घोषणापत्र में साझी बुद्धिमता, सोच और दृष्टि पूरी तरह से दिखती है। बिम्स्टेक के सदस्य देशों में ऊर्जा सहयोग बढ़ाने के लिए बिम्स्टेक ग्रिड इंटरकनेक्शन की स्थापना के लिए सहमति पत्र पर भी हस्ताक्षर किया गया। ओली ने श्रीलंका को बिम्स्टेक का नया मेजबान देश बनने पर बधाई देने के साथ ही इस शिखर सम्मेलन को सफल बनाने के लिए सदस्य देशों के शासन प्रमुखों/राष्ट्राध्यक्षों को बधाई दी। बिम्स्टेक क्षेत्रीय देशों का एक समूह है। भारत, बांग्लादेश, म्यामां, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान और नेपाल इसके सदस्य देश हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कल बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सीरीसेना से मुलाकात की थी।
शनिवार, 1 सितंबर 2018
समाप्त हुआ चौथा बिम्स्टेक सम्मेलन
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