- नेशनल जियोग्राफिक्स चैनल लेकर आ रहा है मेगा आइकंस टीवी सीरीज
- भारत रत्न डॉ.एपीजे अब्दूल कलाम, बौद्ध गुरु दलाई लामा, मेगा स्टार कमल हसन, क्रिकेटर विराट कोहली एवं भारत की प्रथम महिला आइपीएस किरण बेदी की सफलता की कहानी विज्ञान की जुबानी पहली बार टीवी स्क्रीन पर
- 24 सितंबर शाम 9 बजे नेशनल जियोग्राफिक्स पर शुरू होगा मेगा आइकंस, इसी समय प्रत्येक सोमवार को इस मेगा सीरीज को देख पाएंगे दर्शक
- इस मेगा सीरीज को होस्ट करेंगे बॉलीवुड स्टार आर.माधवन स्वस्थ भारत अभियान के मार्गदर्शक हैं डॉ. आलोक मिश्रा
नई दिल्ली (आर्यावर्त डेस्क) टीवी स्क्रीन के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी सफलता की कहानी को हम विज्ञान की जुबानी समझने जा रहे हैं। कोई अपनी जिंदगी में क्यों सफल है? उसकी सफलता के राज क्या है? इन तमाम सवालों से अक्सर हमारा नाता पड़ता रहा है। लेकिन फूल प्रूफ उत्तर शायद ही किसी को मिल पाया हो। लेकिन इस बार नेशनल जियोग्राफिक्स चैनल जो मेगा आइकंस सीरीज लेकर आ रहा है, वहां पर आपको विज्ञान के साथ फूल प्रूफ उत्तर मिलेगा। नेशनल जियोग्राफिक्स इसी सप्ताह 24 सिंतबर से एक मेगा आइकंस सीरीज शुरू करने जा रहा है। इस सीरीज के पहले चरण में उसने देश दुनिया की पांच नामचीन हस्तियों के ब्रेन बिहैवियर को विज्ञान की कसौटी पर कसा है। जनवरी 2018 से जुलाई 2018 के बीच इन हस्तियों के ब्रेन बिहैवियर को डॉ. आलोक मिश्रा ने विज्ञान की कसौटी पर परखा है, तत्पश्चात जो सच्चाई सामने आई है, उसे लेकर नेशनल जियोग्राफिक्स पहली बार टीवी स्क्रीन पर लेकर आ रहा है।
पांच हस्तियों की कहानी विज्ञान की जुबानी
किसी के जीवन की कहानी को अक्सर हम सुनी-सुनाई बातों के रूप में ही सुन-समझ पाए हैं। लेकिन किसी की सफलता का विज्ञान क्या है? यह जानने की कोशिश न तो हमने की है और अगर की भी है तो हमारे पास उस तरह की तकनीक नहीं थी, जिसके बल पर हम कह सकें कि हम जो कह रहे हैं वो वैज्ञानिक मापदंड़ो को पूर्ण करता है। लेकिन इस बार जिनकी कहानी आप देखने एवं समझने जा रहे हैं, उनकी कहानी विज्ञान की जुबानी है। नेशनल जियोग्राफिक्स ने पहले चरण में ऐसे पांच हस्तियों को चुना है, जो अपने-अपने क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। इनमें सबसे पहला नाम है भारत के पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का। दूसरा नाम है बौद्ध गुरु एवं नोवेल से सम्मानित दलाई लामा, तीसरा हैं दक्षिण भारत के मेगा स्टार एवं राजनीतिज्ञ कमल हसन, चौथे हैं क्रिकेट के विराट पुरुष विराट कोहली और पांचवा नाम है भारत की प्रथम महिला आइपीएस किरण बेदी का। इन हस्तियों की सफलता के क्या कारण है? इसको देश-दुनिया के जाने-माने ब्रेन एनालिस्ट डॉ. आलोक मिश्रा 4 डी ब्रेन एनालिसिस के माध्यम से बताने जा रहे हैं।
क्या है 4-डी ब्रेन एनालिसिस
यह दीमाग का संपूर्ण परिक्षण है। जिससे व्यक्ति की दशा जानकर एक दिशा दी जाती है। इसमें चार आयाम होते हैं।
1-ब्रेन मैंपिग- ब्रेन मैंपिंग में दिमाग के वेब्स को परिक्षित किया जाता है। जिससे यह पता चलता है कि दिमाग का क्रिया कलाप कैसा है। और दिमाग में कौन-सा वेब ज्यादा प्रभावी है, दिमाग के किस भाग में सक्रियता ज्यादा है। अगल-अलग हालात में व्यक्ति का दिमाग कैसे रियेक्ट करता है। डेल्टा , ठीटा , अल्फा तथा बीटा वेब का परिक्षण कर के दिमाग की कार्य स्थिति को समझने का प्रयास किया जाता है।
2- डीएनए मैपिंग- इसके माध्यम से जन्मजात आक्यू, अवसाद का कोई जिन है तो उसकी पहचान, सकारात्मक स्तर की पहचान तथा स्कीजोफेनिया (यह एक मानसिक विकार है) है तो उसकी जीन की पहचान की जाती है। इस मैपिंग के माध्यम से इस तरह के तमाम मानसिक विकारों की पहचान समय पूर्व की जा सकती है। और इस विकार को बढ़ने से रोका जा सकता है।
3- बायोलॉजिकल मैपिंग-इसमें व्यक्ति के जन्मजात गुणों का आंकलन किया जाता है। इससे यह पता लगाया जाता है कि आपकी रुचि किस दिशा में बेहतर है। वो क्या बेहतर कर सकता है। इस जांच से आपके अंदर की खुबी भी निकलकर सामने आती है। आपका एप्टीट्यूड एवं एटीड्यूड दोनों को जाना जाता है।
4- मनोवैज्ञानिक परिक्षण- इसके माध्यम से आप अपनी व्यवहार कुशलता, रूचि एवं व्यक्तिव विकास की स्थिति को समझ सकते हैं । इंसान में 9 प्रकार की बुद्धिमता पायी जाती है। उसमें आपकी कौन सी बुद्धिमता प्रभावी है, इसकी जानकारी इससे होती है।
बुद्धिमता के प्रकार
काइनेस्थेटिक इंटेलिजेंट
लिग्विस्टिक इंटेलिजेंस
लॉजिकल मैथेमेटिकल इंटेलिजेंस
स्पेशल विज्यूवल इंटेलिजेंस
म्यूजिकल इंटेलिजेंस
इंटर पर्सनल इंटेलिजेंस
इंटापर्सनल इंटेलिजेंस
नैचुरलिस्ट इंटेलिजेंस
स्प्रिच्यूवल इंटेलिजेंस
4 डी ब्रेन एनालिसिस के जनक हैं एम्स के पूर्व स्कॉलर यूपी के डॉ. आलोक मिश्रा
ब्रेन बिहैवियर रिसर्च फाउडेशन ऑफ इंडिया के सीइओ रहे डॉ. आलोक मिश्रा ने एम्स दिल्ली से पोस्ट डॉक्टरल किया है। माइंड बॉडी मेडिसिन, क्लिनिकल साइकोलॉजी में डॉकरेट की है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से एवं बैंगोर विश्वविद्यालय से लॉ एवं क्रिमनोलॉजी की पढ़ाई करने वाले डॉ.मिश्रा को कजन इंटरनेशनल आउटरिज अवार्ड से अमेरिकन साइकोसोमेटिक सोसाइटी ने मार्च 2010 में सम्मानित किया है। यह सम्मान पाने वाले वे दूसरे भारतीय हैं। 4-डी ब्रेन एनालायसिस (ब्रेनोस्कोप) प्रक्रिया को विकसित करने के लिए इंडियन अकादमी ऑफ हेल्थ साइकोलॉजी ने इनोवेटिस साइंटिस्ट अवार्ड से नवंबर, 2017 में उन्हें सम्मानित किया है। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बस्ती जिला के रहने वाले डॉ. आलोक मिश्रा को इसी महीने 20 सितंबर को एकेपी न्यूज ने राष्ट्रीय गौरव सम्मान से सम्मानित किया है।
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